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दर्जनभर बैंक खातों में हुआ विदेशों से ट्रांजेक्शन

बच्चियों को अगवा करने वाले गिरोह से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

भोपाल। कोतवाली स्थित कर्फ्यू वाली माता मंदिर से नवरात्र में कन्याभोज के बहाने दो बच्चियों को अगवा करने के मामले में पकड़े गए गिरोह के सदस्यों के दर्जनभर बैंक खातों को पुलिस ने सीज करवा दिया है। इन खातों के माध्यम से विदेशों से भी ट्रांजेक्शन हुआ है। इधर, क्राइम ब्रांच ने हरियाणा के पलवल से उस फर्जी डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर भोपाल लाई है, जो अस्पतालों को सामान सप्लाई करते-करते स्वयंभू डॉक्टर बनकर डिलीवरी करवाने के साथ ही बच्चों के कारोबार में शामिल थी।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह का सदस्य निशांत केरल सहित अन्य प्रांतों से खाड़ी देशों में रोजगार की तलाश में जाने वालों के वीजा क्लियर करवाने के बदले कमीशन वसूलता था। इसके लिए खाड़ी देशों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होता था। पुलिस ने उसके करीब 12 खातों को सीज करवा दिया है। साथ ही बैंकोें से इन खातों के जरिए अब तक हुए लेन-देन की जानकारी भी मांगी है, ताकि साफ हो सके कि सिर्फ कमीशन का ही खेल था या अन्य कामों के लिए भी खाड़ी देशों से पेमेंट होता था।

11 साल की उम्र में बनी मां

इधर, पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी अर्चना सैनी का दावा है कि उसकी शादी 10 साल की उम्र में हो गई थी और 11 साल में वह मां बन गई थी। उसने पूछताछ में यह भी बताया है कि 23 साल की उसकी बेटी है। हालांकि क्राइम ब्रांच को इस दावे पर यकीन नहीं हो रहा है, जिसके लिए गायनकोलॉजिस्ट से समस्या के बारे में बात की जा रही है।

अगवा करने की बात कबूली

बच्चों को अगवा करने की बात कबूल करते हुए अर्चना सैनी ने पुलिस को बताया कि सीमा ने दो बच्चे दिए थे, इसमें एक बच्चे को सीमा वापस मांग रही थी। इसलिए उसके बदले में देने के लिए भोपाल के पीरगेट से दोनों बच्चियों को अगवा किया था। इसमें एक बच्ची को सीमा को देकर ऐंजल को अपने पास रखना चाहती थी। पुलिस को इसकी मोबाइल रिकार्डिंग भी मिल गई है।

एनजीओ के कैंपों में होता था संपर्क

जानकारी के अनुसार, फर्जी महिला डॉक्टर सीमा शक्ति देवी, दिल्ली में शक्ति फाउंडेशन नाम से एनजीओ संचालित करती थी। वह एनसीआर की बस्तियों में कैंप लगाती थी। इससे उन महिलाओं से संपर्क हो जाता था, जिनको अनचाहा गर्भ होता था। ऐसी महिलाओं की डिलेवरी करवाकर जो बच्चे होते थे, उनको नि:संतान दंपतियों को बेचा जाता था। इसमें पलवल क्षेत्र के गांव बनेचारी निवासी फर्जी डा. अशोक कुमार जेवर मदद करता था। यह रैकेट पूरे एनसीआर में फैल गया था, जिसकी भनक स्थानीय पुलिस को नहीं थी। पुलिस पांचों बच्चों के बारे में पता कर रही है।

अनाथ आश्रमों को सौंपे बच्चे

पुलिस को फर्जी डॉक्टर सीमा ने बताया कि अर्चना के पति फरीदाबाद में रियल एस्टेट के कारोबार से जुडे हैं। अर्चना की फिजियोथैरेपी के समय दोनों संपर्क में आए। जब अर्चना का पति से मनमुटाव हो गया, तो उसने घर छोड़ दिया था। इसी दौरान दोनों ने अनचाहे गर्भ से परेशान महिलाओं की डिलेवरी करवाकर बच्चे अनाथ आश्रम को सौंप दिए। ऐसे में अब पुलिस उन अनाथ आश्रमों का पता करने में जुटी हैं, जहां बच्चे दिए गए।

12 बैंक खाते सीज, 50 मोबाइल सिम बरामद

अर्चना सैनी, उसकी नाबालिग बेटी, बेटा सूरज सैनी, उसकी महिला मित्र मुस्कान बानो और निशांत स्वामी से 50 सिम के अलावा दर्जनभर बैंक खातों की जानकारी मिली है। खातों से देश के बाहर भी पैसा भेजा गया है, जिसकी डिटेल बैंकों से मांगी गई है। मोबाइल सिम से पता कर रहे हैं कि गिरोह में और कितने लोग हैं। -रियाज इकबाल,डीसीपी-3, भोपाल

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