
उज्जैन। बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस (20846) में रविवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब उज्जैन के पास तराना रोड स्टेशन से पहले ट्रेन के एसएलआर (जनरेटर कोच) में अचानक आग लग गई। आग से उठते धुएं ने यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी, लेकिन ट्रेन स्टाफ और स्थानीय ग्रामीणों की सूझबूझ से बड़ी दुर्घटना टल गई। कोई जनहानि नहीं हुई है।
काली सिंध नदी ब्रिज पर लगी आग
स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि घटना उस वक्त हुई, जब ट्रेन काली सिंध नदी के ब्रिज पर थी। आग की लपटें और धुआं उठते देख ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे और रेलवे कर्मचारियों के साथ मिलकर पानी और अन्य संसाधनों से आग बुझाने में मदद की। इस दौरान कुछ लोग कोच के शीशे तोड़कर आग बुझाने की कोशिश करते दिखे, जिसका वीडियो भी सामने आया है।
गार्ड और स्टाफ ने दिखाया साहस
ट्रेन के गार्ड और अन्य रेलवे स्टाफ ने तुरंत फायर एक्सटिंग्विशर से आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया और सफल भी रहे। उन्होंने जनरेटर कोच को मुख्य ट्रेन से अलग कर दिया। इसके बाद इंजन उस कोच को अन्य डिब्बों से दूर ले गया, जिससे आग फैलने की आशंका खत्म हो गई।
फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू
रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा के अनुसार, ट्रेन बीकानेर से बिलासपुर जा रही थी। शाम करीब 5:30 बजे आग की सूचना मिलते ही तराना स्टेशन से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। गार्ड और स्टाफ की प्राथमिक कोशिशों के बाद दमकल की टीम ने आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया।
उज्जैन से मंगाया नया पावर कोच
आग की घटना के बाद ट्रेन को तराना स्टेशन पर लगभग 45 मिनट तक रोका गया। इसके बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन से नया पावर कोच मंगवाया गया। ट्रेन को शाम 6:32 बजे पुनः भोपाल की ओर रवाना किया गया। स्टेशन मास्टर के मुताबिक, कोई यात्री हताहत नहीं हुआ और सभी सुरक्षित हैं।
अब रेलवे घटना की तकनीकी जांच करेगा कि आखिर आग लगने का कारण क्या था। शॉर्ट सर्किट, अधिक गर्मी, या कोई अन्य तकनीकी गड़बड़ी।
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