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जीत के लिए भाजपा को 12, कांग्रेस को 19 सीटों पर लगाना होगा एड़ी-चोटी का जोर

बात 2018 के चुनाव की...इन सीटों पर 7 से 25% वोट ही ले पाईं थीं दोनों पार्टियां

अशोक गौतम- भोपाल। मिशन 2023 में भाजपा को 12 और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। दोनों ही पार्टियों को इन सीटों पर पिछले चुनाव में सात से 25 प्रतिशत तक वोट मिले थे। इतना ही नहीं, पृथ्वीपुर में भाजपा को 7 , भिंड और बुरहानपुर विधानसभा में कांग्रेस को पांच और सात फीसदी वोट मिले थे। इन सीटों पर सपा और बसपा ने दोनों ही पार्टियों के वोट काटे थे। इसके अलावा कांग्रेस की तीन सीट ऐसी हैं जहां 15 फीसदी से कम वोट मिले हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत देखा जाए तो भाजपा के सबसे कम विधायक ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के चुनकर आए थे। इन क्षेत्रों में कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले थे। इसी को लेकर सुसनेर से निर्दलीय के रूप में जीते विक्रम सिंह राणा, बिजावर से सपा से विधायक रहे राजेश शुक्ला और पृथ्वीपुर विधानसभा चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहे सपा नेता शिशुपाल सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है।

भारी मतों से जीतने वालों को नहीं किया डिस्टर्ब

भाजपा और कांग्रेस ने भारी मतों से जीते उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया है। पिछले चुनाव में भाजपा में ऐसे विधायकों की संख्या 17 थी। सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वालों में रमेश मेंदोला,कृष्णा गौर,शिवराज सिंह चौहान, संजय शुक्ला, नरेला से विश्वास सारंग टॉप-10 में हैं।

यहां निर्दलियों की भरमार

जिन 31 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को सबसे कम वोट मिले थे, इनमें निर्दलीय उम्मीदवारों की भरमार रही है। इस बार भी इन सीटों से अगर ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं तो ये दोनों ही पार्टियों के लिए वोट कटुआ साबित होंगे। इनमें ज्यादातर सीटों पर दस से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। इन्हें वोट भी ज्यादा मिले थे।

दोनों पार्टियों की तैयारी

जिन विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव में कांग्रेस को कम वोट मिले थे, उन पर पार्टी का विशेष फोकस है । इसके लिए हमने बकायदा प्लान तैयार किया है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। -केके मिश्रा, मीडिया विभागाध्यक्ष मप्र कांग्रेस

भाजपा ने 103 आकांक्षी सीटें पहले से चिन्हित कर रखी थीं। इनमें एक-एक प्रभारी नियुक्त किया गया था। प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर काम किया गया है। जीतने वाले प्रत्याशियों को ही पार्टी ने टिकट दिया है। बूथ डिजिटलाइजेशन का काम किया गया है। – आशीष अग्रवाल, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी

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