
भोपाल। अवधपुरी थाना पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने रीगल टाउन स्थित एक फ्लैट से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो जूम कार ऐप के माध्यम से दिल्ली, मुंबई सहित अन्य शहरों के लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से लगभग 2.50 करोड़ रुपए का मसरुका बरामद किया है।
कैसे हुई गिरफ्तारी
भोपाल पुलिस को सूचना मिली थी कि रीगल टाउन के एक फ्लैट में कुछ संदिग्ध लोग रह रहे हैं, जो महंगी गाड़ियों में घूमते हैं और उनकी गतिविधियाँ संदिग्ध हैं। सूचना पर थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने फ्लैट पर दबिश दी, जहाँ से पांच युवकों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में इनकी साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हुआ।
कैसे करते थे ठगी
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे जूम कार कंपनी की वेबसाइट पर ऑनलाइन कार बुकिंग में फर्जीवाड़ा करते थे। इनका तरीका बेहद शातिराना था। आरोपी पहले गूगल से कार की फर्जी तस्वीरें निकालते और उन्हें जूम कार वेबसाइट पर अपलोड कर देते थे। वे एक फर्जी नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। ग्राहक जब कार बुक करता, तो वह एडवांस भुगतान जूम कंपनी को कर देता था। जूम कंपनी 60% राशि आरोपियों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देती थी। जब ग्राहक कार लेने के लिए दिल्ली या मुंबई में बताए गए पते पर पहुंचता, तो आरोपी फोन बंद कर देते थे। बाद में वे नए सिम, बैंक खाते और फर्जी नामों से फिर से ठगी का खेल शुरू कर देते थे।
पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया
पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने से भारी मात्रा में सामान बरामद किया, जिसमें बीएमडब्ल्यू की दो कारें, XUV 500 कार, 48 मोबाइल फोन और टैबलेट, 37 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक और 13 चेकबुक, 92 सिम कार्ड, नोट गिनने की मशीन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उजागर
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उजागर की गई है।
- यश सलूजा (27 वर्ष)- निवासी कटारा हिल्स, भोपाल। इस पर 8 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- अंशुल प्रियांश (28 वर्ष)- निवासी झांसी। MBA डिग्रीधारी है और इस पर 3 मामले दर्ज हैं।
- मयंक ठाकुर (23 वर्ष)- निवासी छिंदवाड़ा, इस पर 4 मामले दर्ज हैं।
- अविनाश पांडे (28 वर्ष)- निवासी छतरपुर।
- सहजप्रीत सिंह (23 वर्ष)- निवासी पंजाब।
पहले से दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ पर पहले से धोखाधड़ी, चोरी, मारपीट और आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। इनमें से यश सलूजा के खिलाफ जबलपुर, छतरपुर, दमोह और भोपाल में गंभीर अपराध दर्ज हैं।
आरोपी लग्जरी लाइफस्टाइल के शौकीन
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी महंगी कारों में घूमते थे और महंगे शौक पूरे करने के लिए साइबर ठगी करते थे। वे भोपाल में किराए के फ्लैट में रहकर यह अवैध कारोबार चला रहे थे।
भोपाल पुलिस की बड़ी कार्रवाई
भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी के निर्देश पर साइबर ठगी को रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई। थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने इस गिरोह को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई।
भोपाल पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन कार बुकिंग या किसी अन्य डिजिटल लेन-देन में सतर्क रहें। किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना पुलिस को दें ताकि साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
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