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Russia Ukraine war : युद्ध के एक साल पूरा होने पर अचानक कीव पहुंचे बाइडेन, नए सिरे से मदद का ऐलान

कीव। पिछले एक साल से जारी यूक्रेन, रूस युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइइेन अचानक कीव पहुंचे। ताबड़तोड़ हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति (Joe biden) यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) से मुलाकात करेंगे। युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति यूक्रेन की राजधानी कीच पहुंचे हैं। ऐसे में यह काफी मायने रखता है।

बताया जा रहा है कि बाइडेन का यह दौरान अचानक बना, क्योंकि इससे पहले दौरे को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई थी। उनके कीव पहुंचने के बाद माना जा रहा है कि अब अमेरिका खुले तौर पर नए सिरे से यूक्रेन के समर्थन में आ गया है। इस संबंध में एक बयान भी जारी किया गया है। इसमें जोर देकर कहा गया है कि अमेरिका लगातार यूक्रेन के समर्थन में खड़ा है और उसे हर तरह की सहायता दी जाएगी।

एक साल बाद भी कीव दृढ़ता से खड़ा है

बाइडन ने मैनीन्स्की पैलेस में जेलेंस्की से मुलाकात की और एक साल पहले बने डर के माहौल को याद किया। पिछले साल फरवरी में शुरू हुए हमलों के बीच आशंका थी कि रूस के हमले में यूक्रेन की राजधानी पर जल्द कब्जा हो सकता है। बाइडन ने कहा- एक साल बाद, कीव दृढ़ता से खड़ा है। लोकतंत्र खड़ा है। अमेरिकी आपके साथ खड़े हैं और दुनिया आपके साथ खड़ी है। यूक्रेन युद्ध तेज होने की आशंकाओं के बीच बाइडन उसकी सहायता के लिए सहयोगी देशों को जोड़ने के लिहाज से प्रयासरत हैं।

फाइटर जेट, हथियार मांग रहे जेलेंस्की

जेलेंस्की सहयोगी देशों से वादों के मुताबिक शस्त्र आपूर्ति तेज करने पर जोर दे रहे हैं। वह लगातार पश्चिमी देशों से कह रहे हैं कि यूक्रेन को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाए। हालांकि, बाइडन अब तक इससे इनकार करते रहे हैं। बाइडन ने कीव में इस देश को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त अमेरिकी सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और सहयोगी देश युद्ध जारी रहने की स्थित में यूक्रेन को मदद देते रहेंगे।

जल्द आधुनिक हथियार मिलने की उम्मीद

वार्ता के दौरान जेलेंस्की और बाइडन ने लंबी दूरी की क्षमता वाले हथियारों के बारे में बात की और उन शस्त्रों की भी बात की जिन्हें पहले यूक्रेन को नहीं भेजा गया। लेकिन अब उनकी आपूर्ति की संभावना है। हालांकि, बाइडेन ने कोई नया वादा नहीं किया। बाइडन की कीव और उसके बाद वारसॅा की यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका रूसी बलों को यूक्रेन से पूरी तरह खदेड़ने तक उसके साथ खड़ा होने को तैयार है।

 

 

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