राजीव सोनी, भोपाल। पोस्ट ऑफिस से अब चिट्ठी-पत्री व बैंकिंग सुविधा के साथ कानूनी मसलों पर विधि विशेषज्ञों की मुफ्त सलाह भी मिलेगी। मप्र में मौजूद 8,232 डाकघरों में कोई भी व्यक्ति कानूनी मामले का जिक्र करते हुए फॉर्म जमा कर सकेगा। उसका आवेदन संबंधित लीगल सर्विस अथॉरिटी तक जाएगा, जहां से आवेदक को सीधे विधि विशेषज्ञ द्वारा सलाह दी जाएगी। शीघ्र ही मोबाइल ऐप पर भी कानूनी राय मिलने लगेगी। सुप्रीम कोर्ट की पहल पर देश के सभी राज्यों में डाकघरों के जरिए यह सुविधा शुरू की जा रही है। इसके लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) गठित किया गया है। राज्यों में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की देखरेख में हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में लीगल सर्विस अथॉरिटी गठित की गई है। इस कमेटी में विधि विशेषज्ञों का पैनल होगा जो जिलों से मिलने वाले प्रकरणों में कानूनी राय देगा।
जल्द शुरू होगा मोबाइल ऐप
विभागीय सूत्रों ने बताया, मोबाइल पर सलाह देने के लिए डाकघरों में तकनीकी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। डाक विभाग द्वारा पोस्टमैंस को दिए गए मोबाइल में यह फीचर जोड़ने के लिए सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट कवायद कर रहे हैं। अभी इस डिवाइस से वित्तीय लेन- देन होता है, इसलिए इसमें दूसरा ऐप डाउनलोड करने की सुविधा नहीं है।
इस तरह दी जाएगी कानूनी राय, प्रक्रिया पर एक नजर…
आवेदक को फॉर्म भरते समय प्रकरण का ब्यौरा देते हुए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट लीगल कमेटी अथवा डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी में से किसी एक को चुनना होगा। डाक विभाग संबंधित कमेटी तक वह आवेदन पहुंचा देगा। इसके बाद कानूनी सलाह मोबाइल अथवा डाक से भेजी जाएगी। मोबाइल ऐप विकसित होते ही घर बैठे आपको सलाह मिलने लगेगी। सभी राज्यों में गांवों तक डाकघर का नेटवर्क है, इसलिए यह सुविधा डाक विभाग के माध्यम से शुरू की गई है। इससे लोगों काफी सहूलियत होगी।
डाकघरों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं फॉर्म
प्रदेश के डाकघरों में इस योजना की जानकारी और फॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मोबाइल ऐप शुरू होते ही घर बैठे सवालों के जवाब मिलने लगेंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और गरीबों के लिए यह सुविधा बहुत उपयोगी साबित होगी।
– एस. शिवराम, निदेशक, डाक विभाग, मप्र