ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

वाइल्ड लाइफ को बचाने में 7 साल से उलझा भोपाल-नागपुर हाइवे का काम

टाइगर कॉरिडोर वन्य जीवों को वाहनों से सुरक्षा के प्रयास

भोपाल। भोपाल-बैतूल-नागपुर नेशनल हाइवे का निर्माण वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर के चलते पिछले 7 साल से उलझा हुआ है। वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वाइल्ड लाइफ के दो पेंच थे, इसमें एक औबेदुल्लागंज इटारसी (12 किलोमीटर) के बीच में है जो रातापानी का हिस्सा है। दूसरा बैतूल-इटारसी के बीच में (20 किलोमीटर) है। यह टाइगर कॉरिडोर का हिस्सा है। शेष जगह यह हाइवे फोरलेन है। इसके चलते इन क्षेत्रों में अक्सर जाम की स्थिति बनती है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मप्र में साल 2024 में करीब 44 बाघों की मौत हुई थी। इसमें से कुछ हादसों का शिकार हुए हैं। रातापानी अभयारण्य में औबेदुल्लागंज-इटारसी के बीच एनिमल अंडर और व्हीकल पास के 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इसमें 7 एनिमल अंडर पास और दो व्हीकल पास बने हैं। इसमें एक एनिमल अंडर पास और एक ओवर पास का निर्माण शेष है।

जानिए… साउंड प्रूफ दीवार के बारे में : भोपाल-नागपुर फोरलेन रातापानी सेंचुरी के वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए औबेदुल्लागंज के पास साउंड प्रूफ दीवार का निर्माण कराया जा रहा है। दीवार में रॉकबुल नामक मटेरियल लगाया जा रहा है, जिससे आवाज दूसरी तरफ नहीं जा सकती है। इससे वन्य जीवों को वाहनों के हार्न और इंजन की आवाज नहीं सुनाई देगी।

जानिए कैसे उलझा निर्माण

1. पहला पेंच औबेदुल्लागंज इटारसी के 12 किमी के हिस्से में उलझा था। दरअसल जब इस हाइवे का निर्माण शुरू हुआ तो इस 12 किमी के हिस्से में रातापानी का हिस्सा आया। आपत्ति लगाई गई कि यहां वन्य जीवों को वाहनों से खतरा होगा, इसलिए यहां 7 एनिमल अंडरपास और दो व्हीकल पास और बने।

2. बैतूल और इटारसी के बीच में बरेठा, केसला और भौरा के पास निर्माण उलझा हुआ है। निर्माण शुरू होने के बाद इसमें एक याचिका (पीआईएल) लग गई, इसमें कहा गया कि ये क्षेत्र पुराना टाइगर कॉरिडोर है। हाईकोर्ट ने निर्माण पर रोक लगा दी। हाइवे की डीपीआर बदलकर अब नए सिरे से 300 करोड़ रुपए की बनाई गई, जिसकी वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है।

हाइवे से ये होंगे फायदे

  • भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल -नागपुर का सड़क संपर्क मजबूत होगा।
  • भारी यातायात से राहत मिलेगी।
  • रातापानी वन्यजीव अभयारण्य और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व तक बेहतर आवागमन ।
  • पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
  • समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण में कमी आएगी।

घने जंगल में 3 फ्लाईओवर

रातापानी अभयारण्य क्षेत्र से एनएच 69 का रास्ता निकला है। बरखेड़ा से बिनेका तक तक 12.8 किमी लंबे इस घने जंगल में 3 स्थानों पर फ्लाईओवर भी बनाए जा रहे हैं। पहला फ्लाईओवर 1.6 किमी लंबा होगा जो बरखेड़ा से शुरू होगा और सेहतगंज जोड़ पर खत्म होगा। ऐसे ही दो अन्य फ्लाईओवर भी सेंचुरी क्षेत्र में बनेंगे।

इटारसी-बैतूल को लेकर कुछ पेंच

औबेदुल्लागंज और इटारसी में एनिमल अंडर पास का काम बारिश से पहले पूरा होगा। इटारसी और बैतूल के बीच में कुछ पेंच को लेकर अंडर पास बनाने का प्रस्ताव वाइल्ड लाइफ बोर्ड में विचाराधीन है। स्वीकृति के बाद निर्माण शुरू होगा। – एसके सिंह, रीजनल ऑफिसर एनएचएआई मप्र

संबंधित खबरें...

Back to top button