
भोपाल। राजधानी भोपाल की साइबर क्राइम ब्रांच ने 68.49 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। साइबर टीम ने राजस्थान के भिलवाड़ा से दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों ने विदेश में बैठे ठगों को टेलीग्राम के जरिए किराये पर बैंक खाते उपलब्ध कराए थे, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर की गई थी।
इस मामले में पुलिस अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपी पिछले 4 साल से इस नेटवर्क को चला रहे थे और करीब 150 बैंक खाते साइबर ठगों को बेच चुके हैं।
कैसे हुआ था धोखाधड़ी का खुलासा
शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि किसी व्यक्ति ने खुद को FedEx कंपनी का कर्मचारी बताते हुए ड्रग्स से जुड़ा पार्सल उनके नाम से ताइवान भेजे जाने की बात कही। फिर एक अन्य व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का DCP बताते हुए स्काइप पर वीडियो कॉल की और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया। डर और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देकर आरोपी ने फरियादी से कुल 68.49 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की।
बैंक खाता टेलीग्राम पर बेचा
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी राजेन्द्र मीणा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक खाता खोला था और बैंक कर्मचारी लोकेश सैनी ने इस फर्जीवाड़े में उसकी मदद की थी। यह खाता 1.5 लाख रुपए में नमो नारायण मीणा को बेचा गया, जिसने इसे विशाल भट्ट तक पहुंचाया। विशाल भट्ट और उसका भाई यशपाल भट्ट, दोनों ने यह खाता टेलीग्राम पर साइबर ठगों को 15-20% कमीशन पर बेचा। इन खातों का उपयोग ठगी की रकम को रिसीव करने के लिए किया जाता था। आरोपी अपना हिस्सा क्रिप्टो करेंसी (USDT) के माध्यम से लेते थे।
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में यह कार्रवाई की। टीम में निरीक्षक सुनील मेहर, उपनिरीक्षक सुनील रघुवंशी सहित कई अधिकारी शामिल रहे।
भिलवाड़ा से गिरफ्तार आरोपी
- विशाल भट्ट (25) – स्नातक, प्राइवेट जॉब करता है, खातों की दलाली में लिप्त।
- यशपाल भट्ट (21) – 12वीं पास और पढ़ाई कर रहा है, भाई के साथ मिलकर साइबर ठगों को खाते बेचता था।
पहले ही गिरफ्तार हो चुके आरोपी
- राजेन्द्र कुमार मीणा – बैंक खाता धारक।
- लोकेश सैनी – बैंक कर्मचारी जिसने गलत तरीके से खाता खुलवाया।
- अब्दुल कादर और अब्दुल रहमान – नकदी को ठगों तक पहुंचाने वाले।
- नमो नारायण मीणा – खाता खरीदने व बेचने वाला।
- द्रुबाडाला सिका और रोहित तुरूक – फर्जी खाते खोलने और ट्रांजैक्शन कराने वाले।
- मो. शाफी – केरल निवासी, दुबई में ड्राइवर, फ्रॉड राशि निकाल कर ठगों तक पहुंचाता था।
ये भी पढ़ें- भोपाल : नवविवाहिता ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, दो महीने पहले हुई थी शादी, पति पर प्रताड़ना के आरोप