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पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के बाद अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट बना भोपाल शहर

भोपाल। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले गिरोहों के लिए भोपाल शहर सॉफ्ट टारगेट बन गया है। पिछले डेढ़ साल के अंदर अलग-अलग गिरोहों ने शहर में आकर वारदातों को अंजाम दिया और फिर गायब हो गए। इस महीने सक्रिय हुई गुलेल गैंग ने पुलिस के लिए एक नई चुनौती पेश की है। ट्रेन के रास्ते भोपाल पहुंची यह गुलेल गैंग डेढ़ घंटे में चार कारों का सामान चोरी कर आसानी से वापस लौट गई। यह गिरोह कहां से आया था और कहां चला गया, इसके बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।

बीती तीन जुलाई को टीटी नगर और एमपी नगर इलाके में 4 कारों के कांच फोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने जब इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पता चला कि चारों वारदातों को गुलेल गैंग ने अंजाम दिया है। यह गिरोह गुलेल की मदद से कारों का कांच फोड़ कर सामान चोरी कर लेता है। फुटेज से यह भी पता चला कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश कैप लगाए हुए थे और ब्लू कलर का जींस और व्हाइट कलर की शर्ट पहने हुए थे। उनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच थी। पुलिस ने संदेहियों के बारे में किसी भी प्रकार की सूचना देने के लिए जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर 8602744849, पुलिस कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 0755-2555822, अथवा मोबाइल नंबर 9479990454 जारी किए थे, लेकिन अब तक कोई सूचना नहीं मिली।

पूर्व डीआईजी इरशाद वली ने कराई थी नाकेबंदी

भोपाल के पूर्व डीआईजी इरशाद वली ने जिले में प्रवेश करने वाले एक दर्जन मार्गों पर नाके बनवाए थे, जहां कैमरे लगवाने के साथ ही आने-जाने वाले संदिग्ध वाहनों की रजिस्टर पर एंट्री होती थी। उन्होंने रातीबड़ से भोपाल की तरफ प्रवेश करने वाले मार्ग पर सूरज नगर के पास जनसहयोग से एक अत्याधुनिक चौकी बनवाई थी। इस चौकी पर लाखों रुपए कीमत वाले कैमरे लगवाए गए थे, जो आटोमैटिक तरीके से वाहनों की नंबर प्लेट रीड कर लेते थे। इसकी मानीटरिंग खुद डीआईजी और वरिष्ठ अधिकारी अपने मोबाइल से करते थे। बाद में यह कैमरे गायब हो गए और पुलिस चौकी भी रहस्यमय तरीके से जल गई।

पुलिस की अब तक जांच में यह हुआ खुलासा

गुलेल गैंग को पकड़ने के लिए टीटी नगर और एमपी नगर पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच को लगाया गया है। अब तक की जांच में पता चला है कि गुलेग गैंग के चार सदस्य तीन जुलाई की शाम करीब साढ़े चार बजे भोपाल रेलवे पर ट्रेन से उतरकर बाहर निकले और आटो में बैठकर न्यू मार्केट पहुंचे। गैमन इंडिया के सामने और एमपी नगर जोन क्रमांक-2 में घटनाओं को अंजाम देने के बाद वह सिटी बस से वापस भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में बैठकर शहर से बाहर चले गए। इस दौरान बदमाशों ने रेलवे स्टेशन पर काउंटर से कहीं का टिकट भी नहीं खरीदा था। इससे लगता है कि बदमाश बहुत शातिर हैं और वे आकर यहां रेकी कर चुके होंगे। यह भी अनुमान है कि उनका कोई साथी पहले से यहां मौजूद रहकर उनकी मदद कर रहा होगा।

ऐसे गिरोहों के लिए सॉफ्ट टारगेट बना भोपाल

भोपाल में यह पहला गिरोह नहीं है, जिसने इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया है। इसके पहले ऑयल गिरने का बहाना बनाकर, सड़क पर नोट गिराकर और कारों के कांच तोड़कर सामान चोरी करने वाले साउथ इंडियन गिरोह, घर पर मौजूद अकेली महिलाओं को घर-परिवार पर विपत्ति आने का झांसा देकर जेवरात ठगने, कागज के नोटों की गड्डी थमाकर महिलाओं के जेवरात उतरवाने, पता पूछने के बहाने बुजुर्ग महिलाओं के जेवरात ठगने, बर्तन साफ करने के बहाने जेवरात लेकर गायब होने, अकेले रहने वाली महिलाओं और बालिकाओं को हिप्नोटाइज कर सामान लेकर रफूचक्कर होने वाले जैसे गिरोह ऐसी दर्जनों घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इसके साथ ही स्टूडेंट बनकर भोपाल आकर वाहन चोरी कर वापस लौट जाने वाला गिरोह भी सक्रिय रहा है।

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