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भोपाल के कलाकारों ने कुंभ में कथक, मोहिनीअट्टम व गायन से बिखेरा जादू

महाकुंभ : शहर की नृत्यांगनाओं ने शिष्याओं के साथ दीं क्लासिकल परफॉर्मेंस

प्रीति जैन- प्रयागराज कुंभ में भोपाल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समा बांधा। कई कलाकार संस्कृति विभाग के माध्यम से तो कई अन्य ग्रुप्स के साथ कुंभ में कथक, गायन, मोहनीअट्टम सहित शास्त्रीय गायन की प्रस्तुतियां देने पहुंचे। सभी के लिए यह खास मौका था, क्योंकि इससे माध्यम से वे देश-विदेश से आए दर्शकों को अपनी कला व संस्कृति से रूबरू करा सके। वरिष्ठ नृत्यांगनाएं अपनी शिष्याओं के साथ तो वहीं वरिष्ठ गायिकाएं अपने गायन दल के साथ यह प्रस्तुति देने पहुंचीं। इस दौरान उन्हें कुंभ स्नान व अन्य राज्यों से आए कलाकारों से मिलने का भी मौका मिला। सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी यह मौका था, जिसे उन्होंने अनुभव किया। भोपाल से गायिका विनी गुप्ता व सुलेखा भट ने भी गायन की प्रस्तुतियां दीं।

अपनी छह शिष्याओं के साथ शिव प्रस्तुति

प्रयागराज कुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला में प्रस्तुति दी। इसमें मेरी छह शिष्याओं ने प्रस्तुति में मेरा साथ दिया, जिसमें प्रियांशी कटारिया, प्रेक्षा नेमा, प्रियंका मित्तल, विजेता जैन, भूमिका जौहरी, अनवंशिता सिंह शामिल रहीं। तीन दिवसीय प्रस्तुति में दर्शकों के समक्ष शिव पर आधारित प्रस्तुतियां दीं, जिसमें शिव तांडव से लेकर शिव स्तुति, अर्धनारीश्वर की प्रस्तुति विशेष रही। हमें दर्शकों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और ऑडिटोरियम काफी भरा था। वहीं, हमें भी कुंभ में स्नान करने का मौका मिला। – क्षमा मालवीय, कथक नृत्यांगना

संतों व तीर्थयात्रियों ने लिया भजनों का आनंद

मैंने महाकुंभ में भजन गायन की प्रस्तुति दी, जिसकी श्रोताओं ने भूरी- भूरी प्रशंसा। कई साधु संत और तीर्थयात्री मध्य प्रदेश मंडप में आए और उन्होेंने भजन संध्या का आनंद लिया। हमने सूरदास, तुलसी, मीरा आदि कवियों की भक्ति रचनाएं प्रस्तुत कीं, जैसे मृगनयनी को यार नवल रसिया…, यशोदा हरि पलना झुलावे…, नाथ पवनसुत…, राम का गुणगान करिए…, राम रटे रामा रटते-रटते आदि गीतों ने बहुत सुंदर समा बांधा। महाकुंभ में अन्य प्रदेशों की झांकियां भी लगी थीं। – डॉ. नीना गुप्ता, शास्त्रीय गायिका

हमारा ग्रुप मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की तरफ से गया, जिसमें हमने शास्त्रीय नृत्य विधाओं में प्रस्तुति दी। यह मौका हर कलाकार के लिए खास था, क्योंकि यहां प्रस्तुति देने का मौका पहली बार मिला था। हमने मोहिनीअट्टम नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें साथी कलाकार व मेरी शिष्याएं भी शामिल थी। यह प्रस्तुति हमने दिल्ली के ग्रुप के साथ दी थी। – कविता शाजी, मोहिनीअट्टम नत्यांगना

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