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भोजपुर मंदिर, ग्वालियर किला व गोंड स्मारक जल्द होंगे विश्व धरोहर

6 धरोहरें वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में

भोपाल। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने मप्र के छह दर्शनीय स्थलों को अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, प्रबंध संचालक मप्र टूरिज्म बोर्ड शिवशेखर शुक्ला ने बताया, अस्थायी सूची में नाम आने के बाद अब स्थायी सूची में इन स्थलों को सूचित कराने के लिए प्रयास हो रहे हैं।

भोजेश्वर महादेव मंदिर, भोजपुर

भोपाल से करीब 30 किमी दूर स्थित भोजेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर को राजा भोज ने 1010 से 1053 ई. में बनवाया था। मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग लगभग 6 मीटर की परिधि के साथ 2.35 मीटर लंबा है।

ग्वालियर किला

यह किला एक पहाड़ी पर स्थित है। किले से शहर एवं आसपास का दृश्य नजर आता है। यह किला सुंदर मूर्तियों और प्रभावी वास्तुकला से सुसज्जित है। बताया जाता है कि इस किले की सबसे पहली नींव छठी शताब्दी ईस्वी में राजपूत योद्धा सूरज सेन ने रखी थी।

गोंड स्मारक मंडला रामनगर

रामनगर (मंडला जिला) गोंड राजाओं का गढ़ था। गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा नदी के किनारे साल1667 में मोती महल का निर्माण करवाया था। यह महल पांच मंजिला है। इसकी दो मंजिलें जमीन में दब गई हैं, लेकिन तीन मंजिलें अभी भी देखी जा सकती हैं।

  • धमनार ऐतिहासिक समूह: धमनार गुफाएं मंदसौर जिले में स्थित हैं। यहां 51 गुफाएं व स्तूप 7वीं शताब्दी में बनाए गए थे।
  • चंबल वैली की रॉक आर्ट साइट: चंबल बेसिन में रॉक कला स्थल कलात्मक शैलियों और सांस्कृतिक प्रभावों का मिश्रण प्रदर्शित करते हैं।
  • खूनी भंडारा: बुरहानपुर की अनोखी जल आपूर्ति प्रणाली खूनी या कुंडी भंडारा 407 साल बाद भी जीवित है।

मप्र की महान संस्कृति एवं सभ्यता विश्व पटल पर भी प्रतिष्ठित हो रही है। इस गौरव के क्षण के लिए प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। – डॉ. मोहन यादव, सीएम मप्र

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