
ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलॉइज फेडरेशन (BAMCEF) ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए जाति आधारित जनगणना नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के विरोध में इस बंद का आह्वान किया गया है। वहीं, लेफ्ट पार्टियों ने महंगाई के विरोध में देशभर में प्रोटेस्ट का आह्वान किया है।
बंद को इनका मिला समर्थन
बंद को बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और इससे जुड़े सभी संगठनों का समर्थन मिला है। भारत बंद को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जा रहा है।
यहां दिख सकता है बंद का असर
बिहार में इसका असर दिख सकता है, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव काफी समय से इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। वहीं ईवीएम का मुद्दा यूपी में अधिक उठ रहा था इसलिए बंद का असर थोड़ा यूपी में भी दिख सकता है।
इन मुद्दों पर भारत बंद बुलाया गया है
• चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं
• जाति आधारित जनगणना।
• निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण।
• किसानों को एमएसपी की गारंटी
• एनआरसी/सीएए/एनपीआर का कोई कार्यान्वयन नहीं।
• पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
• ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचक मंडल।
• पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों का विस्थापन नहीं।
• टीकाकरण को वैकल्पिक बनाना।
• कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के खिलाफ गुप्त रूप से बनाए गए श्रम कानूनों के खिलाफ संरक्षण।
राजनीतिक दलों ने भी बीजेपी को घेरा
भारत बंद को लेकर राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि बीजेपी सरकार दलितों, पिछड़ों से अपने किए गए वादों से मुकर रही है। समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कमाल है, जाति जनगणना हो जाए तो उस में दिक्कत क्या है? अगर जाति जनगणना हो जाएगी इसमें बुराई क्या है?