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Earthquake in Betul : बैतूल में भूकंप के झटके महसूस हुए, दहशत में लोग घरों से बाहर निकले, खिड़की-दरवाजे हिले

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के कई हिस्सों में सोमवार (30 सितंबर) को भूकंप के झटके महसूस हुए। भैंसदेही, बैतूल बाजार सहित बैतूल के कई हिस्सों में लोगों ने कंपन महसूस किया। खिड़की और दरवाजे हिलने से लोग दहशत में आ गए। डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए। घटना दोपहर करीब डेढ़ बजे की है।

कलेक्टर ने क्या कहा ?

कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि उन्हें भी लोगों से जानकारी मिली है कि भूकंप के झटके आए हैं। वे इस संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं।

खिड़की, दरवाजे कंपन करने लगे – रहवासी

रहवासियों का कहना है कि भूकंप के झटकों की आवाज महसूस हुई। खिड़की, दरवाजे कंपन करने लगे। कुछ स्कूलों में भी कंपन महसूस होने पर स्टाफ ने बच्चों को कक्षा से बाहर निकाला। लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें 3 से 4 सेकंड तक कंपन महसूस हुआ। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ।

महाराष्ट्र के अमरावती में आया भूकंप

महाराष्ट्र के अमरावती जिले में सोमवार की दोपहर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। अमरावती के रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर अनिल भटकर ने कहा कि किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान की कोई खबर नहीं है। एनसीएस ने कहा कि भूकंप जिले के चिखलधारा तालुका के टेटू गांव में दोपहर बाद 1.37 बजे आया। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, भूकंप का केन्द्र 13 किलोमीटर की गहराई पर था। भटकर ने कहा कि चिकलधारा, कटकुंभ, चुरनी, पचडोंगरी तालुका और मेलघाट इलाके में हल्के झटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि जिले के परतवाड़ा शहर और धरनी के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

अधिकारियों के अनुसार, पड़ोसी अकोला जिले के अकोट तालुका के रुधाडी, खिरकुंड और प्रिम्पी जैनपुर गांवों और तेलहारा तालुका के हिवरखेड़ में हल्के झटके महसूस किए गए। यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप से बहुत अधिक नुकसान नहीं होना चाहिए क्योंकि कई लोगों ने इसे हल्के कंपन के रूप में महसूस किया। इसमें कहा गया है कि भूकंप के केंद्र से लगभग 27 किलोमीटर दूर अचलपुर में भी हल्के झटके महसूस किए गए होंगे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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