Manisha Dhanwani
8 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
Shivani Gupta
7 Nov 2025
बेंगलुरु। गर्मी की शुरुआत के पहले ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पीने के पानी की किल्लत से जूझ रही है। लाखों लोग यहां पानी की कमी से परेशान हैं। कर्नाटक के लोग पानी के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर हैं, लेकिन पानी की कमी को ये भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सरकार की ओर से लोगों को समस्या से निजात दिलाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति ठप है। ऐसे में लोगों को निजी टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में शहर की तकरीबन 60 फीसदी आबादी इन्हीं टैंकरों के सहारे पानी की कमी को पूरा कर रही है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास में भी पानी की किल्लत बताई जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में पानी के टैंकर आते-जाते देखे गए। बेंगलुरु में एक हाउसिंग सोसाइटी में गंभीर जल संकट के चलते पीने के पानी के दुरुपयोग पर निवासियों पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाने का नोटिस जारी किया गया है। ऐसे ही नोटिस कई और सोसाइटियों में भी जारी किए जा रहे हैं। साथ ही स्थिति पर नजर रखने के लिए एक विशेष सुरक्षाकर्मी भी तैनात करने का फैसला किया गया है।
भारतीय विज्ञान संस्थान की एक रिसर्च के मुताबकि पिछले चार दशक में बेंगलुरु में विकास की तीव्र गति से 79% जल निकाय और 88% ग्रीनरी नष्ट हो चुकी है। बेंगलुरु, जो कभी 'गार्डन सिटी' के नाम से जाना जाता था, आज पानी के लिए तरस रहा है। गर्मी के आगमन से पहले ही शहर में जल संकट गहरा गया है। यह न केवल बेंगलुरु के लिए चिंता का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा सबक है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने लोगों को पानी का दुरुपयोग रोकने की सलाह दी है। इसके अलावा बेंगलुरु शहर के सभी बोरवेल सरकार अपने कब्जे में ले रही है। साथ ही सरकार प्राइवेट पानी के टैंकरों को भी लेकर जल संकट कम करने का प्रयास कर रही है। डीके शिवकुमार ने कहा कि इस जल संकट को देखते हुए एक वॉर रूम बनाया गया है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो कि व्यवस्था की निगरानी करेंगे।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के अनुसार निजी टैंकरों के मालिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे 7 मार्च से पहले अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे तो उनके टैंकरों को सीज कर दिया जाएगा। बता दें, बेंगलुरु में करीब 3500 वॉटर टैंकर हैं, जिनमें से 10 फीसदी ही रजिस्टर्ड हैं।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के खाली दूध टैंकरों का इस्तेमाल बेंगलुरु में पानी स्टोर करने के लिए किया जाएगा। हमने पानी की आपूर्ति के लिए उन दूध के टैंकरों का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जो उपयोग में नहीं हैं। हम उन टैंकरों का उपयोग करेंगे जो खाली हैं, उन्हें साफ करेंगे और उनका उपयोग करेंगे। - डीके शिवकुमार, डिप्टी सीएम
कर्नाटक सरकार का कहना है कि कावेरी नदी पर बांध बनाया जाएगा और इसके बाद जल संकट से निपटा जा सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह बांध कब बनेगा। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी को लेकर विवाद अभी भी जारी है। पानी की किल्लत की वजह से शहर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति में कटौती की गई है। पानी की कमी के कारण पानी की कीमतों में वृद्धि हुई है। सरकार इस पर अंकुश लगाने के ठोस प्रयास कर रही है।