
भोपाल। सिंहस्थ-2028 में क्षिप्रा नदी में जल-प्रवाह को निरंतर बनाए रखने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। कान्ह नदी का प्रदूषण रोकने और क्षिप्रा में पर श्रद्धालुओं की स्नान सुविधा के लिए सुविधाजनक घाटों का निर्माण होगा। घाटों के निर्माण में लगने वाले पत्थर और अन्य सामग्री का चयन विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और अभियंताओं को व्यापक अध्ययन और शोध के बाद कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
बताया गया कि कान्ह नदी पर 11 और क्षिप्रा नदी पर 18 बैराजों का निर्माण इंदौर, उज्जैन और देवास जिले में होंगे। इससे क्षिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह बना रहेगा। क्षिप्रा नदी पर स्नान के बेहतर प्रबंध होंगे और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आचमन और स्नान में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
नए घाटों के निर्माण होंगे, बढ़ेंगी सुविधाए
- उज्जैन में शनि मंदिर से वीआईपी घाट
- वीआईपी घाट से जीवनखेड़ी ब्रिज
- जीवनखेड़ी ब्रिज से वाकणकर ब्रिज
- वाकणकर ब्रिज से गऊघाट स्टॉपडैम
- चक्रतीर्थ से ऋणमुक्तेश्वर ब्रिज
- भर्तृहरि गुफा और सिद्धवट से नागदा बायपास
- शनि मंदिर से गोठडा बैराज ( कुल 29,215 मीटर की लम्बाई में घाटों के निर्माण के कार्य होंगे)
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