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नशे के लिए बेच रहे थे प्रतिबंधित कफ सीरप, मादक पदार्थ कोडीन से बनी 25.90 लाख की कोरेक्स बरामद, मैहर पुलिस से मिली थी सूचना 

भोपाल। क्राइम ब्रांच ने शाहजहांनाबाद स्थित एक गोदाम पर छापा मारकर नशे के लिए उपयोग की जाने वाली प्रतिबंधित कोडीन युक्त कोरेक्स कफ सीरप बरामद की है। इसकी कीमत 25 लाख 90 हजार रूपए है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, मैहर पुलिस ने एक कार में कोरेक्स कफ सीरप के साथ चार आरोपियों को पकड़कर 12 लाख रुपए का माल बरामद किया था। पूछताछ में उन्होंने कफ सीरप भोपाल के शाहजहांनाबाद में रहने वाले ड्रग डीलर से लाना बताया था। इसके बाद भोपाल पुलिस ने प्लान बनाकर छापा मारा।

गिरोह का मुखिया अब भी फरार

भोपाल के डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक मैहर पुलिस से सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित कोडीन युक्त कोरेक्स कफ सीरप की भोपाल से अवैध तस्करी हो रही है। यह सप्लाई शाहजहांनाबाद में बैठे व्यक्ति द्वारा की जाती है। सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम ने शाहजहांनाबाद स्थित पानी की टंकी के पास किराए से रहने वाले अंकित माहेश्वरी के घर छापा मारा। वहां से प्रतिबंधित कोरेक्स कप सीरप की कुल 127 पेटियां मिलीं। इसकी कीमत 25 लाख 90 हजार 800 रुपए है। पूछताछ के दौरान अंकित ने बताया कि वह ग्वालियर में रहने वाले किसी ड्रग डीलर से माल लेता है और सतना, मैहर, रीवा समेत अन्य जिलों में सप्लाई करता है। हालांकि आरोपी के पास से कोरेक्स खरीदने और रखने की अनुमति से जुड़े कागजात नहीं मिले हैं। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद इस मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा होने की उम्मीद है। पुलिस को अब तक ये भी पता नहीं चला है कि आरोपी इसके पहले कितना माल सप्लाई कर चुका है।

मैहर में ब्रेजा कार के साथ पकड़ाए थे 4 आरोपी

मैहर की कोतवाली पुलिस ने एक कार के साथ चार लोगों मनीष साकेत उर्फ नंदू, संतोष शुक्ला, संपत कुमार मिश्रा उर्फ रविनेश और संतोष कुशवाहा को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 12 लाख 9 हजार का 15 पेटी कोरेक्स कफ सीरप जब्क किया गय़ा था। पूछताछ में आरोपियों ने अंकित माहेश्वरी का नाम बताया था। पकड़ी गई सीरप हिमाचल के सोलन जिले की फैक्ट्री में बनाई गई। वहां से यह खेप ग्वालियर पहुंची और फिर भोपाल भेजी गई।

नशे के लिए उपयोग करते हैं युवा

एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक कोरेक्स का उपयोग खांसी की बीमारी के लिए किया जाता है, लेकिन युवा इसे नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कोडीन नामक केमिकल होता है, जो नशे का काम करता है। देश के कई राज्यों में इस पर प्रतिबंध है। बताया जा रहा है कि 100 एमएल कोडीन 30 ग्राम मार्फीन के बराबर नशा देती है। रोजाना 10 से 20 एमएल लेने वालों को एक सप्ताह के भीतर ही इसकी लत लग जाती है।

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