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बांग्लादेश : ढाका में अज्ञात लोगों ने यात्री ट्रेन में लगाई आग, महिला और उसके बेटे समेत 4 की मौत; देखें VIDEO

बांग्लादेश में 7 जनवरी 2024 को होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक जारी है। इसी उथल-पुथल के बीच अज्ञात लोगों ने मंगलवार को राजधानी ढाका में कुछ लोगों ने यात्री ट्रेन में आग लगा दी। इस वारदात में एक महिला और उसके नाबालिग बेटे समेत चार लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा मंगलवार को चुनावों का बहिष्कार करने और चुनाव आयोग के कार्यक्रम के खिलाफ औपचारिक विरोध कर रही है, जिसके चलते यह घटना हुई।

प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन की 3 बोगियों में लगाई आग

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी के प्रवेश बिंदु पर हवाई अड्डा रेलवे स्टेशन से, ढाका जाने वाली अंतर-जिला मोहनगंज एक्सप्रेस खुलने के तुरंत बाद उपद्रवियों ने ट्रेन के तीन डिब्बों को आग के हवाले कर दिया। पिछले कुछ महीनों में ट्रेन में आगजनी की यह पांचवी घटना है। इस तरह की घटना पिछले माह भी हुई थी, जहां ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया था। हताहतों की संख्या के मामले में यह सबसे बड़ी घटना है। देखें VIDEO….

थाना प्रभारी ने दी जानकारी

तेजगांव पुलिस थाने के प्रभारी मोहम्मद मोहसिन ने कहा- हवाईअड्डा स्टेशन से ट्रेन खुलने के बाद यात्रियों ने आग देखी, जिसके बाद इसे अगले पड़ाव तेजगांव स्टेशन पर रोक दिया गया।

देशव्यापी हड़ताल के बीच आगजनी

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल के बीच ट्रेन में आग लगाई गई। जिसमें महिला और उसके बच्चे समेत चार लोगों की मौत हो गई। मोहसिन ने आगे बताया कि एक अन्य नाबालिग लड़का लापता है और उसकी मां जले हुए ट्रेन के डिब्बे के सामने उसका इंतजार कर रही थी, क्योंकि अग्निशमन सेवा के बचाव दल अंदर तलाशी ले रहे थे।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि लोकोमोटिव मास्टर ने तेजगांव में ट्रेन रोकी, जहां अग्निशमन सेवा के बचावकर्मियों ने आग बुझाई और चार शव निकाले, जिसमें से दो मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

लोगों को मारकर कुछ नहीं मिलेगा : PM

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि वे लोगों को मारकर सरकार को नहीं हटा सकते। बांग्लादेश राजनीतिक अशांति के बीच आम चुनाव से पहले नागरिक शक्ति की मदद के लिए’ व्यवस्था बनाए रखने के लिए 29 दिसंबर से 13 दिनों के लिए सेना तैनात की जाएगी। हालांकि, सेना ने इसे नियमित मतदान के समय की ड्यूटी बताया है।

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