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शरीर में ही बनने वाली शुगर से निकल सकता है गंजेपन का इलाज

एक्सपेरिमेंट में एक गलती ने वैज्ञानिकों को बाल झड़ने की समस्या से निजात पाने का रास्ता दिखाया

लंदन। वैज्ञानिकों ने पुरुषों और महिलाओं को सताने वाली एक बड़ी समस्या का संभावित इलाज गलती से खोज लिया है। वैज्ञानिक बाल झड़ने की सबसे बड़ी समस्या जो वंशानुगत है, उसके इलाज की तरफ बढ़े हैं। यह शुरू हुआ शरीर में प्राकृतिक रूप से होने वाली शुगर से जो डीएनए बनाने में मदद करती है। यह है डीऑक्सीराइबोज शुगर जो डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड का हिस्सा है।

क्या हुआ था 

वैज्ञानिक चूहों पर इस बात का अध्ययन कर रहे थे कि इस शकर को जब उनके घावों पर लगाया जाता है तो क्या असर होता है। इस अध्ययन के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड और कॉमस्टैट्स यूनिवर्सिटी (पाकिस्तान) ने पाया कि घाव के आसपास फर (बाल) सामान्य चूहों की अपेक्षा तेजी से उग रहे थे। पहेली से अचंभित टीम ने इस पर आगे शोध करने का निर्णय लिया। रिसर्चर्स ने उस नर चूहे को लिया जिसके बाल टेस्ट्रोस्ट्रोन के कारण झड़ गए थे, उन्होंने चूहों की पीठ से बचे बाल भी हटा दिए।

उन्होंने शोध में लिए गए चूहों की पीठ पर हर दिन डीऑक्सीराइबोज शुगर जेल के छोटे डोज देना शुरू कर दिया। कुछ ही सप्ताह में चूहों की पीठ पर लंबे, घने बाल तेजी से उगने लगे हैं। डीऑक्सीराइबोज मिनॉक्सीडिल की तरह प्रभावी है। मिनॉक्सीडिल बाल झड़ने से रोकने के लिए सामान्य रूप से किया जाने वाला ट्रीटमेंट है। शेफीड्ल युनिवर्सिटी की टिश्यू इंजीनियर शीला मैकनील ने कहा कि बाल झड़ने की समस्या का इलाज काफी साधारण है जो कि डिऑक्सीराइबोज शुगर के उपयोग से किया जा सकता है।

क्या है डीएनए शुगर : डीएनए में डीऑक्सीराइबोज शुगर होती है। यह शुगर कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के एटम से मिलकर बनी होती है। यह लीनियर और साइक्लिक फॉर्म में होती है।

दुनिया भर के 40 फीसदी लोग समस्या से परेशान

समान्य रूप से होने वाला आनुवांशिग गंजापन एक ऐसी कंडीशन है जो हार्मोन लेवल, एजिंग और अन्य कारणों से पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ने का कारण बनती है। यह समस्या दुनियाभर में 40 फीसदी लोगों को प्रभावित करती है। अपने रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया है कि मात्र तीन सप्ताह में ही एक्सपेरिमेंट में लिए गए चूहों की पीठ पर नए बाल आने लगे थे। जहां पर यह जेल लगाया गया, वहां ज्यादा टिश्यू और ब्लड वैसेल्स पाए गए।

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