
बहराइच/लखनऊ। एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के मुख्य आरोपी और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे यूपी STF और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में रविवार को नेपाल बॉर्डर से 19 किमी पहले नानपारा बहराइच जिले से गिरफ्तार किया गया। वो नेपाल भागने की फिराक में था। उसके 4 मददगार भी गिरफ्तार हुए हैं। वहीं शिवकुमार ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं।
शिवकुमार के 4 मददगार गिरफ्तार
शिवकुमार के साथ गिरफ्तार किए गए 4 मददगारों की पहचान अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव, और अखिलेंद्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है। सभी बहराइच के गंडारा गांव के रहने वाले हैं और शिवकुमार को शरण देने के साथ ही नेपाल भागने में मदद कर रहे थे।
पूछताछ के दौरान शिवकुमार ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल होने की बात कबूल की। उसने बताया कि, वह लॉरेंस गैंग के लिए स्क्रैप डीलर शुभम लोनकर के जरिए काम करता था। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले उसने 10 लाख रुपए देने का वादा किया गया था। वह मुंबई से फरार होकर झांसी, लखनऊ होते हुए बहराइच पहुंचा और यहां से नेपाल भागने की प्लानिंग कर रहा था। इससे पहले वह अपने मंसूबों को अंजाम दे पाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
शिवकुमार ने बताया कैसे दिया हत्या को अंजाम
शिवकुमार ने पूछताछ में बताया, ‘मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। पूना में स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने कई बार स्नैप चैट के जरिए मेरी बात लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से कराई। अनमोल ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले 10 लाख रुपए देने की बात कही थी। इसके साथ ही कहा था कि, हर महीने कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा।’
‘शुभम लोनकर और मोहम्मद यासीन अख्तर ने हत्या के लिए असलहा, कारतूस, सिम व मोबाइल फोन दिया था। तीनों शूटरों को हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए नए सिम व मोबाइल फोन दिए गए थे। कई दिनों तक मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात सही मौका मिलने पर हम लोगों ने उसकी हत्या कर दी। त्योहार होने के कारण भीड़भाड़ भी थी, जिसकी वजह से दो लोग मौके पर पकड़ लिए गए थे और मैं फरार हो गया।’
‘मैं फोन रास्ते में फेंक कर मुंबई से पुणे चला गया। वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा। अपने साथियों व हैंडलर्स से बीच-बीच में मैं किसी का भी फोन मांग कर बात करता रहा। ट्रेन में एक यात्री से फोन मांग कर मैंने अनुराग कश्यप से बात की थी। उसने कहा था अखिलेंद्र, ज्ञान प्रकाश और आकाश ने तुम्हें नेपाल में छिपाने की व्यवस्था कर ली है। इसीलिए मैं बहराइच आया और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने की फिराक में था।’
दशहरे के दिन हुई थी हत्या
12 अक्टूबर को दशहरे के दिन मुंबई के बांद्रा इलाके के निर्मल नगर में बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना उस वक्त हुई, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। तभी तीन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी मौत हो गई।
कौन थे बाबा सिद्दीकी
बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी महाराष्ट्र के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं। उन्होंने 1999, 2004 और 2009 में लगातार चुनाव जीते थे। 2004 से 2008 के बीच वह कांग्रेस-एनसीपी सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए के राज्य मंत्री रहे।
सिद्दीकी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1992 में नगर निगम पार्षद के रूप में की थी और आगे चलकर कांग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। हालांकि, 8 फरवरी 2024 को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर 12 फरवरी को अजीत पवार की एनसीपी में शामिल होने का फैसला लिया।
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