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अयोध्या के राम मंदिर में फायरिंग… SSF जवान की गोली लगने से मौत, परिसर की सुरक्षा में था तैनात; जानें पूरा मामला

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात SSF के जवान की गोली लगने से मौत हो गई। घटना के समय जवान कोटेश्वर मंदिर के सामने बन रहे वीआईपी गेट के पास तैनात था। यहां से राम मंदिर का मुख्य हिस्सा महज 150 मीटर की दूरी पर है। जवान की पहचान शत्रुघ्न विश्वकर्मा उम्र 25 साल के रूप में हुई है।

सिर में सामने से लगी गोली

जानकारी के मुताबिक, घटना बुधवार सुबह 5.25 बजे की है। उस समय जवान शत्रुघ्न विश्वकर्मा कोटेश्वर मंदिर के सामने बन रहे वीआईपी गेट के पास तैनात था। यहां से राम मंदिर का मुख्य हिस्सा महज 150 मीटर की दूरी पर है। घटना के समय शत्रुघ्न विश्वकर्मा के पास और भी जवान तैनात थे। गोली जवान के सिर में सामने से ललाट पर लगी, साथी सुरक्षाकर्मी तुरंत उसे अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने के चलते उसे ट्रामा सेंटर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया।

2019 बैच का था शत्रुघ्न विश्वकर्मा

घटना की सूचना मिलते ही आईजी और एसएसपी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल की जांच की जा रही है, फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। गोली सामने से सिर में कैसे लगी, पुलिस इस बात की जांच कर रही है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि, घटना से पहले शत्रुघ्न मोबाइल देख रहा था। शत्रुघ्न विश्वकर्मा 2019 बैच का था, एसएसएफ में तैनात था। वह अंबेडकरनगर के थाना सम्मनपुर के गांव कजपुरा का रहने वाला था। एसएसएफ फोर्स को मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित किया गया है।

राम मंदिर में ये दूसरी घटना

राम मंदिर का उद्घाटन होने के बाद यह ऐसी दूसरी घटना है। तीन महीने पहले मार्च में भी राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवान को गोली लगी थी। उस केस में तो जवान से खुद ही गलती से अपनी राइफिल चल गई थी। वो बंदूक को साफ कर रहा था, तभी ट्रिगर दबा और गोली जवान को जा लगी।

4 साल पहले हुआ था SSF का गठन

योगी सरकार ने SSF यानी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन चार साल पहले किया था। फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करता है। एसएसएफ को बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार है। उनके पास घर की तलाशी की पावर सहित अनेक असीमित अधिकार हैं।

सरकार की इजाजत के बिना एसएसएफ के अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट भी संज्ञान नहीं ले सकती। इसके गठन के दौरान जारी की गई अधिसूचना ऐसा लिखा था। एसएसएफ महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करती है। निजी क्षेत्र भी पेमेंट देकर एसएसएफ की सेवाएं ले सकते हैं।

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