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86 की उम्र में 10 दिन, 80 घंटे पेंटिंग कर बनाए फ्रेक्सो शैली व रानी लक्ष्मी बाई के चित्र

I am Bhopal इनके बचपन में ही मध्य भारत के राजप्रमुख श्रीमंत जीवाजी राव सिंधिया ने शाजापुर के स्कूल में चित्र प्रदर्शनी का उद्धाटन कर कहा था कि भावसार में भावी चित्रकार बनने की अद्भुत संभावनाएं हैं। मध्य प्रदेश के शिखर सम्मान से सम्मानित एलएन भावसार ने इसे सिद्ध कर दिखाया और कला जगत में मुकाम हासिल किया और कई नामी अवॉर्ड्स अपने नाम किए जिसमें मप्र का शिखर सम्मान, अखिल भारतीय कालिदास चित्र प्रदर्शनी का पुरस्कार, अमृतसर का नेशनल पेंटिंग अवॉर्ड, आईफक्स नई दिल्ली का वेटेरन सम्मान शामिल है। वरिष्ठ चित्रकार लक्ष्मीनारायण भावसार के कला अवदान पर एकाग्र प्रदर्शनी में उनके अब तक कई चित्र प्रस्तुत हुए हैं।

कला ही मुझे प्रफुल्लित करती है

86 साल की उम्र में अब उनका नया काम एमएलबी कॉलेज में देखने को मिलता है, जहं उन्होंने 10 दिन लगातार 8 घंटे पेंटिंग करके तैल शैली में रानी लक्ष्मी बाई का 6 बाई साढ़े चार फीट का चित्र बनाया है। इसमें उनका वीरांगना रूप दिखाया है। भावसार कहते हैं, मैं खुद को बुजुर्ग मानता नहीं हूं क्योंकि पेंटिंग जैसा लगातार उठने-बैठने वाला और हाथों को साधे रखकर बारीक काम घंटों कर पा रहा हूं। वे कहेत हैं, कला का कैनवास मेरा मित्र है वहीं मेरी प्रसन्नता प्रफुल्लित होती है।

बाग की गुफाओं की पेंटिंग

बाग की गुफाओं के चित्रों से प्रेरणा लेकर 11 फीट की पेंटिंग तैयार की है जो 28 दिनों में तैयार हुई। अजंता- एलोरा की गुफाओं को सभी जानते हैं लेकिन मप्र में बाग की गुफाओं के बारे में देशवासियों को अवगत कराने के लिए कॉलेज की प्राचार्य डॉ. ममता चंसोरिया द्वारा यह चित्र बनवाया गया जो कि गुप्त कालीन गुफाएं हैं। इस पेंटिंग को फ्रेस्को तकनीक से तैयार किया है जिसमें सामाजिक-आर्थिक जीवन झलकता है। यह चित्र 100 साल तक खराब नहीं होंगे क्योंकिइन्हें गुरु-शिष्य परंपरा से मिले ज्ञान के आधार पर संरक्षित किया है।

मकबूल फिदा हुसैन ने बनाया था मेरा पोर्ट्रेट

80 के दशक बात है जब मैंने मकबूल फिदा हुसैन का पोर्ट्रेट बनाया था और उन्होंने मेरा। हमारी इंदौर और मुंबई में मुलाकात होती थी। भावसार कहते हैं, मेरी कई प्रदर्शनियों का शुभांरभ राजमाता विजया राजे सिंधिया ने किया था। वे कहती थीं, भावसार के नेतृत्व में कलापिपासु छात्र चित्रकला में अच्छी दिशा प्राप्त करेंगे। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे सम्मानित किया था जब मैंने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का चित्र बनाया था।

दो यूनिवर्सिटीज ने दी डी.लिट की उपाधि

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ और राजा मानसिंह कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने श्री भावसार के गुणों को परख कर डी. लिट की मानद उपाधि प्रदान की। संस्कृति विभाग मप्र का शिखर सम्मान, अखिल भारतीय कालिदास चित्र प्रदर्शनी का पुरस्कार उन्हें मिल चुका है। भावसार कहते हैं, अब मैं मध्यप्रदेश शासन और भारत सरकार के संस्कृति विभाग के कई जिम्मेदार समितियों में विशेषज्ञ और निर्णायक की भूमिका में हूं।

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