
नई दिल्ली। चुनाव आयोग आज (16 अगस्त) जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है। आयोग ने दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इन राज्यों में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा निगाहें जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। राज्य में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्म-कश्मीर में 30 सितंबर तक चुनाव कराने का निर्देश दिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ इस संबंध में मीटिंग भी की थी।
राज्यों में सत्ता का समीकरण
राज्य : महाराष्ट्र
- सरकार : बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार
- कार्यकाल खत्म : 8 नवंबर 2024
- कुल सीटें : 288
- बहुमत का आंकड़ा : 144
- 2019 विधानसभा में NDA 201, महाविकास अघाड़ी को 67 सीटें
राज्य : हरियाणा
- सरकार : बीजेपी सरकार
- कार्यकाल खत्म : 3 नवंबर 2024
- संभावित चुनाव : अक्टूबर 2024
- कुल सीटें : 90
- बहुमत का आंकड़ा : 46
- 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव में NDA को बहुमत मिला था।
- NDA के पास 43 सीटें और विपक्ष के पास 44 सीटे हैं। हरियाणा विधानसभा में अभी 87 विधायक हैं। तीन सीटें खाली हैं।
राज्य : झारखंड
- सरकार : जेएमएम-कांग्रेस सरकार
- कार्यकाल खत्म : 4 जनवरी 2025
- संभावित चुनाव : अक्टूबर 2024
- कुल सीटें : 81
- बहुमत का आंकड़ा : 41
- 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में JMM और कांग्रेस गठबंधन की सरकार। झारखंड विधानसभा में अभी 74 विधायक हैं। 7 सीटें खाली हैं।
- गठबंधन के पास 48 विधायक हैं। झामुमो के 29, कांग्रेस के 17, राजद का एक और CPI(ML) का एक MLA है। हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने।
- झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चंपई सोरेन को सीएम बनाया गया।
- झारखंड हाईकोर्ट ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दी। जिसके बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और 4 जुलाई को हेमंत ने तीसरी बार राज्य के सीएम पद की शपथ ली।
जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार भंग
राज्यों में मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः हरियाणा में 3 नवंबर, महाराष्ट्र में 26 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल भी 5 जनवरी 2025 को खत्म होगा। इन विधानसभाओं के चुनाव उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले कराए जाने हैं। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद नए सदन के गठन के लिए जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी कराए जाने हैं। जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार भंग हैं। यहां पर राष्ट्रपति शासन है। यहां आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे। जब BJP-PDP का अलायंस टूटा तो सरकार भंग हो गई।
2019 में हटी धारा 370
जम्मू-कश्मीर में साल 2014 के बाद से विधानसभा चुनाव का आयोजन नहीं हुआ है। 2019 राज्य से धारा 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था। साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया था। रेड्डी को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। सोमवार को जम्मू के बाहरी इलाके में रैली करते हुए रेड्डी ने घाटी में विकास की गति बनाए रखने और आतंकवाद को उखाड़ने लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील की है।
पिछली बार घाटी में 2014 में हुआ था विस चुनाव
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव सितंबर में होंगे और हमें यकीन है कि लोग भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता में लाएंगे। बता दें, पिछली बार घाटी में विस चुनाव का आयोजन 2014 में किया गया था। 19 जून 2018 को भाजपा की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद तत्कालीन सीएम महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ। बाद में यहां बाद में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
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