
हर्षित चौरसिया-जबलपुर। चलने में असमर्थ गोवंश (गाय/भैंस) के लिए देश का पहला कृत्रिम पैर प्रत्यारोपण केंद्र (प्रोस्थेटिक लिम्ब फिटिंग सेंटर) बनेगा। यह केंद्र नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के अंतर्गत संचालित वेटरनरी कॉलेज में बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को मंडी कृषि विकास विपणन बोर्ड की स्वीकृति भी मिल गई है। डॉ. जावरे के निर्देशन में कृत्रिम पैर को बनाकर गोवंश को लगाया जा चुका है। परियोजना प्रभारी प्रो. डॉ. शोभा जावरे ने बताया कि सेंटर बनाने के लिए 2.17 करोड़ रुपए के 3 वर्षीय प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी गई है। यह देश का पहला कृत्रिम पैर प्रत्यारोपण केंद्र होगा।
अभी गोवंश को नि:शुल्क लगाए जाएंगे कृत्रिम पैर
डॉ. जावरे ने बताया कि स्वीकृति मिलने के बाद इस सेंटर के निर्माण को लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है। सेंटर में आने वाले पीड़ित गोवंश को कृत्रिम पैर नि:शुल्क लगाए जाएंगे। हम आगे और पीछे दोनों के ही कृत्रिम पैर यहां पर तैयार करेंगे और लगाएंगे भी। कृत्रिम पैर लगने से उन गोवंश का फायदा होगा जो कि किसी हादसे में अपना पैर खो चुके हैं। एक कृत्रिम पैर लगाए जाने से ये गोवंश फिर से वैसे ही बिना तकलीफ के चल सकेंगे।
क्यों पड़ी जरूरत : डॉ. जावरे ने बताया कि कुछ वर्ष पहले एक गाय को वेटरनरी हॉस्पिटल लाया गया था, जिसे पैर में ट्यूमर था लिहाजा पैर को ही काटना पड़ा। ऐसे में गाय चल फिर नहीं पा रही थी, इसी को देखते हुए यह शुरूआत की जा रही है।
गोवंश संर्वधन की दिशा में विवि के वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य कर रहे हैं। पीड़ित गोवंश को कृत्रिम पैर लगाए जाने से उन्हें राहत मिलेगी, यह सेंटर न सिर्फ विवि बल्कि प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। – प्रो. डॉ. एसपी तिवारी, कुलगुरु एनडीवीएसयू जबलपुर