
बड़ी झील के किनारे भारत भवन परिसर में करीब एक एकड़ क्षेत्रफल में जल्द ही नया कला केंद्र कला ग्राम आकार लेने लगेगा। 15.77 की लागत से बनने वाले इस कला ग्राम के डिजाइन और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अप्रुवल मिल चुका है। इसकी संरचना भारत भवन के अनुरूप ही की गई है। एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए ईको फ्रेंडली निर्माण किया जाएगा। इसलिए कला ग्राम का निर्माण असम के खास बांस बालकोआ से किया जाएगा। कला ग्राम देशभर के कला रूप, पेंटिंग, लोक शैलियों पर अध्ययन, प्रदेश और देश की संस्कृति के विभिन्न पक्षों पर परिसंवाद, व्याख्यान, फिल्म प्रदर्शन और डॉक्यूमेंटेशन का केंद्र बनेगा। इसका निर्माण मप्र पर्यटन विकास निगम की निर्माण इकाई द्वारा किया जाएगा। निर्माण इकाई आगामी दिनों में इसका निर्माण कार्य शुरू कर देगी।
ग्रीन लैंड होने की वजह से नहीं होगा पक्का निर्माण
कला ग्राम पूरी तरह जीवंत और कला के एकाग्र स्वरूप को निखारने में मदद करेगा। चित्रकार, आदिवासी कलाकार और साहित्यकार यहां पर रहकर अपनी कला को संवार सकेंगे। स्थापना के बाद पहली बार कला ग्राम के रूप में भारत भवन का विस्तार किया जा रहा है। कला ग्राम का निर्माण ग्रीन लैंड में किया जा रहा है, इसलिए ये निर्माण पक्का नहीं होगा। यहां पर ज्यादातर निर्माण बांस और लकड़ियों का होगा। इसके लिए असम के खास किस्म के बांस बालकोआ का उपयोग किया जाएगा। यह बांस मजबूत होने के साथ ही हल्का और लचीला होता है। इस हाई क्वालिटी बांस की लाइफ 20 से 30 साल होती है। हालांकि, हर पांच साल में मेंटनेंस करना अनिवार्य है। निर्माण कार्य नागपुर और भोपाल के कलाकारों द्वारा किया जाएगा।
एंफीथिएटर और किड जोन होगा आकर्षण
कला ग्राम में पांच सौ सीटर खास एंफीथिएटर का निर्माण किया जाएगा। यहां स्कल्पचर गार्डन मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। आर्ट गैलरी परिसर में अलग-अलग आर्ट वर्क स्टूडियो तैयार किए जाएंगे। यहां विभिन्न कलात्मक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और रंगमंडल से जुड़ी गतिविधियों का संचालन एक साथ हो सकेगा, इसके लिए ओपन और कवर्ड स्टूडियो बनाए जाएंगे। इसके अलावा बच्चों के लिए बनाया जा रहा किड जोन आकर्षण का केंद्र होगा।
बांस शिल्पियों की लेंगे मदद
कला ग्राम संस्कृति विभाग का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसके निर्माण के लिए बांस शिल्पियों की मदद ली जाएगी। जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा और इसी साल पूरा करने का लक्ष्य है। – डॉ. इलैया राजा टी., एमडी, मप्र पर्यटन विकास निगम