
साकिब खान, भोपाल। राजधानी में रेलवे की जमीन पर बसी आरिफ नगर बस्ती में सोमवार सुबह से भगदड़ जैसा नजारा है। रेलवे अधिकारियों के निर्देश पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान बुलडोजर लेकर पहुंचे और लोगों का झुग्गियां और घर खाली करने के निर्देश दिए।
बुलडोजर के साथ पहुंचे जवानों को देख यहां के लोगों में दहशत फैल गई। आनन-फानन में लोग गृहस्थी का सामान लेकर भागते नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि हम अरसे से यहां रह रहे हैं, और अब हमें मकान खाली करने को कहा जा रहा है। लोगों को डर है कि बुलडोजर से उनकी गृहस्थी का समान क्षतिग्रस्त हो सकता है। बीमार, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सामान लेकर दौड़ते भागते नजर आ रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने उन्हें अल्टीमेटम दिया है कि शाम तक मकान खाली न करने पर इन्हें तोड़ दिया जाएगा।
8 माह से चल रही थी बातचीत
आरिफ नगर में 450 से 500 झुग्गियां हैं। ये सभी रेलवे की जमीन पर बनी हैं। पिछले करीब 8 माह से जिला प्रशासन, रेलवे और यहां के निवासियों के बीच कई चरण की बातचीत हुई है। लोगों का कहना है कि इन्हें झुग्गियां खाली करने पर किसी दूसरी जगह बसाया जाए। इनका आरोप है कि अब तक प्रशासन ने कोई जगह मुहैया नहीं कराई है और 12 दिसंबर को मकान खाली करने का आदेश जारी कर दिया। रेलवे ने इस संबंध में नोटिस भी जारी किया था। 12 दिसंबर की सुबह ही यहां रेलवे का बुलडोजर पहुंच गया।
रहवासी बोले- जगह दें नहीं तो हम मर जाएंगे
एक रहवासी ने कहा- हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है, इतना पैसा भी नहीं है कि कहीं और जाकर प्लॉट ले सकें। हम विकलांग हैं। पहले अधिकारियों ने कहा था कि जगह मिलेगी, अब बता भी नहीं रहे कि जाना कहां है और हमारा आशियाना तोड़ दिया। हम झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब बस्ती के लोग हैं। सर्दी इतनी पड़ रही है। सोने के लिए बिस्तर नहीं हैं। बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में उनका साल खराब हो जाएगा। प्रशासन से निवेदन है कि न्याय दे और रहने के लिए उचित जगह बताई जाए नहीं तो हम मरने के लिए भी तैयार हैं।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) December 12, 2022
नहीं पहुंचे स्थानीय जनप्रतिनिधि
आरिफ नगर बस्ती में हड़कंप के बीच यहां सिर्फ स्थानीय लोग और रेलवे की फोर्स ही दिख रही है। स्थनीय जनप्रतिनिधियों का पता नहीं है। रेलवे अधिकारियों ने साफ कहा है कि आज शाम तक का समय है। वे लोगों को समझा रहे हैं कि मकान खाली कर दें, वर्ना अधिक नुकसान हो सकता है।
एकदम से डराने पहुंच गए अधिकारी

बस्ती की रहने वाली शाहिदा बी कहती हैं- ‘हम 30 साल से यहां रह रहे हैं। आज एकदम से ये लोग डराने पहुंच गए। हमारी बात न तो जनप्रतिनिधि सुन रहा है और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी।’

स्थानीय नेता अताउल्ला इकबाल कहते हैं कि हमारी कलेक्टर से लगातार बात हो रही है। कलेक्टर साहब ने भरोसा दिलाया था कि आज ये कार्रवाई नहीं होगी। यहां पर छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग हैं। इन्हें लेकर कहां जाएं।
हम आज ही कार्रवाई करेंगे। हमने पहले से सभी तरह के नोटिस दे दिए हैं। हम जिला प्रशासन की टीम के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। -प्रियंका दीक्षित, सीनियर डीसीएम, भोपाल रेल मंडल