
उत्तराखंड के एक रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की मौत पर लोगों का गुस्सा लगातार तीसरे दिन उफान पर रहा। प्रशासन से बातचीत के बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ। इसके बाद शव मॉर्चुरी से निकाल कर श्मशान ले जाया गया। शव ले जाने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस रोकने की कोशिश की। एक महिला एंबुलेंस के सामने लेट गई, जिसे पुलिस ने हटाया।
अंकिता के पिता ने मॉर्चुरी के बाहर जमा लोगों से अपील की, जिसके बाद भीड़ छटने लगी। श्रद्धांजलि देने के लिए श्रीनगर के एनआईटी घाट पर सैकड़ों लोग पहुंचे। एनआईटी घाट पर अंकिता के भाई ने मुखाग्नि दी। वहीं दूसरी ओर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में होगी।
परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग उठाई
अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका अंदेशा है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकता है। इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई, वहीं अंकिता के पिता एम्स की प्राइमरी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे। जिसमें कहा गया था कि मौत पानी में डूबने से हुई है।
सीएम धामी ने दिया आश्वासन
परिवार की नाराजगी को देखते हुए सीएम धामी ने उनसे बेटी का अंतिम संस्कार करने की अपील की। सीएम धामी ने परिवार से कहा कि उन्हें उनकी सभी मांगें मंजूर हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए राज्य के चीफ जस्टिस को भी चिट्ठी लिखी है। साथ ही कहा कि पोस्टमॉर्टम की डिटेल रिपोर्ट परिवार को सौंपी जाएगी।
रिजॉर्ट क्यों तोड़ा, उसमें तो सबूत थे…
अंकिता के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें प्रशासन की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। जब तक अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक बेटी की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। परिजनों ने सवाल करते हुए पूछा कि ‘रिजॉर्ट को क्यों तोड़ा गया, जबकि उसमें तो सबूत थे ? इसके साथ ही परिजनों ने मांग की है कि अंकिता मर्डर केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा हो सके।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित गंगा भोगपुर के वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे में नहीं दिखी। उसके पिता रिजॉर्ट पहुंचे और कर्मचारियों से पूछताछ की। बेटी का पता नहीं चलने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। राजस्व पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई थी, जो बीते दिन ही रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर की गई। अंकिता का पता लगाने के लिए पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया। इस दौरान सोशल मीडिया पर गुमशुदा की तलाश के लिए कैंपेन चल रहा था।
आरोपियों के साथ ऋषिकेश गई थी अंकिता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 सितंबर को अंकिता भंडारी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी। रिजॉर्ट कर्मियों से पूछताछ में पता चला कि देर रात तीनों आरोपी ऋषिकेश से रिजॉर्ट वापस आए थे, लेकिन अंकिता उनके साथ में नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य (रिजॉर्ट मालिक), अंकित गुप्ता और 35 साल के सौरभ भास्कर को गिरफ्तार कर पूछताछ की।
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आरोपियों ने पुलिस को गुमराह किया
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस ने ऋषिकेश जाने के दौरान रास्ते के CCTV भी चेक किए। जिसमें देखा गया कि जाते हुए चार लोग थे, लेकिन वहां से आते हुए तीन लोग थे। सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य सामने आने के बाद तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की।
गंगा में क्यों दिया धक्का ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह तीनों अंकिता को लेकर बैराज तक आए। यहां सभी ने शराब पी। जब हम चील्ला रोड पर नहर के किनारे बैठे शराब पी रहे थे, तो अंकिता और पुलकित के बीच विवाद होने लगा। इसके बाद अंकिता धमकी देने लगी कि वह सभी को बता देगी कि पुलकित उस पर रिसॉर्ट के कस्टमर्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाता है।
इस दौरान विवाद बढ़ने पर अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फेंक दिया और दोनों में झगड़ा होने लगा। इसके बाद तीनों ने गुस्से में अंकिता को गंगा में धक्का दे दिया और वापस रिजॉर्ट लौट आए।
आरोपी के पिता-भाई BJP से निष्कासित
ऋषिकेश के अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी पुलकित आर्य के पिता भाजपा नेता विनोद आर्य और भाई अंकित आर्य को भारतीय जनता पार्टी पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही सीएम धामी ने अंकित को उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष के पद से भी हटा दिया।
आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा
पुलिस ने वनतारा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरव भास्कर और उसके असिस्टेंट अंकित गुप्ता को पहले ही हिरासत में ले लिया था। अब कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।