
भोपाल। अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने शुक्रवार को भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन किया। दावा है कि इस प्रदर्शन में 37 जिलों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं पहुंचीं। यहां इन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर 2018 में की गईं घोषणाओं पर अमल करने और अन्य मांगों की सूची सौंपी। यूनियन ने चेतावनी दी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 10 दिन बाद फिर से प्रदेशस्तरीय आंदोलन करेंगी।
26 हजार रुपए मानदेय करने की मांग
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की प्रदेश कोषाध्यक्ष हाजरा काजमी ने कहा कि 8 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार और सहायिका का मानदेय 2,500 से बढ़ाकर 5 हजार रुपए करने की घोषणा की थी। उन्होंने हमारे रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष करने, रिटायरमेंट पर कार्यकर्ता को एक लाख और सहायिका को 75 हजार रुपए देने जैसी तमाम घोषणाएं की थीं। लेकिन कई मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं। कार्यकर्ताओं ने महंगाई को देखते हुए कार्यकर्ता को 26 हजार और सहायिका को 21 हजार रुपए मानदेय देने की मांग की।
मानदेय में वृद्धि, और कटौती का आदेश वापस लेने की मांग को लेकर सैकड़ों #आंगनवाड़ी_कर्मियों ने #भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन किया। महिलाओं ने @CMMadhyaPradesh के नाम ज्ञापन देते हुए कहा कि मांगे नहीं माने जाने पर आगे बड़ा आंदोलन करेंगे।#PeoplesUpdate #Protests @ChouhanShivraj pic.twitter.com/fWlCQiaV95
— Peoples Samachar (@psamachar1) February 3, 2023
शासकीय कर्मचारी का दर्जा दें
काजमी ने कहा कि हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 10 हजार एवं 5 हजार रुपए मानदेय की घोषणा की थी, लेकिन कार्यकर्ता के मानदेय से 1,500 और सहायिका के मानदेय से 750 रुपए काटे जा रहे हैं। उन्होंने तब से अब तक काटी गई इस राशि को बतौर एरियर भुगतान करने की मांग की।
ग्रेच्युटी का लाभ मिले
संगठन की प्रदेश महासचिव किशोरी वर्मा ने कहा कि 2018 में मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को रिटायरमेंट पर एक लाख रुपए और सहायिका को 75,000 रुपए देने की घोषणा की थी। लेकिन, चार साल बीतने के बाद भी सरकार इसे लागू नहीं कर पाई है। यूनियन ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के दिन से इसे लागू मानते हुए तब से रिटायर हुईं कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को यह लाभ दिया जाना चाहिए। इसके अलावा गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए सहायिका और कार्यकर्ता को ग्रेच्युटी का लाभ देने की मांग की।
रिक्त पदों में कार्यकर्ताओं को जगह दें
यूनियन ने पोषण ट्रैकर की समस्या का समाधान करने, डाटा के लिए पर्याप्त राशि देने, कल्याण योजना बनाकर सामाजिक सुरक्षा देने, गैर विभागीय कार्य कराए जाने पर रोक लगाने, हितग्राहियों को अच्छी गुणवत्ता का पोषण आहार देने और खाली पड़े पर्यवेक्षकों के पदों पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नियुक्ति देने की मांग की है।
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