
वॉशिंगटन। अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने साथ मिलकर शनिवार (3 फरवरी) देर रात यमन के 30 हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया है। हमले का उद्देश्य ईरान समर्थित हूती समूहों के मनोबल को तोड़ना था। हमले की शुरुआत जहाजों और लड़ाकू विमानों के जरिए की गई। ये हमला शुक्रवार (2 फरवरी 2024) को इराक और सीरिया में हुए हवाई हमले के बाद हुए हैं, जिसमें ईरानी समर्थित मिलिशिया और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड को निशाना बनाया गया था। देखें VIDEO…
दोनों देशों का यमन पर हमले का तीसरा जॉइंट ऑपरेशन
यह अटैक विमानों, जहाजों और एक पनडुब्बी के जरिए यमन की राजधानी सना, सदा और धमार शहरों के साथ-साथ होदेइदाह प्रांत में किया गया है।
दरअसल, हूती विद्रोही लगातार लाल समुद्र में जहाजों को निशाना बना रहे थे। इसके खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन कार्रवाई कर रहे हैं। दोनों देशों का यह तीसरा जॉइंट ऑपरेशन है। इससे पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने 28 जनवरी और 11 जनवरी को यमन के हूती ठिकानों पर हमला किया था।
अमेरिकी अधिकारियों ने की हमले की पुष्टि
अमेरिकी अधिकारियों ने हमले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि, उनका लक्ष्य यमन में 10 अलग-अलग स्थानों पर हमला करने का था। जिसमें से 30 हूती ठिकानों पर हमला किया गया। उन पर यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर विमानवाहक पोत के यू.एस. एफ/ए-18 (US AF – 18) लड़ाकू विमानों और लाल सागर में स्थित टॉमहॉक मिसाइल दागने वाली अमेरिकी युद्धपोतों से हमला किया गया है।
हमले में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा ने भी दिया साथ
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यमन में किए गए हमलों में अमेरिका और ब्रिटेन की सेना के साथ ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड्स की सेनाएं भी शामिल थीं।
अमेरिका और ब्रिटेन ने हमले के बाद जारी किया बयान
अमेरिका और ब्रिटेन ने हमले के बाद बयान जारी कर कहा – हूती विद्रोहियों के हमलों के चलते लाल सागर से गुजरने वाले 2 हजार जहाजों को अपना रास्ता बदलना पड़ा।
इस समुद्री रास्ते से जहाज दुनियाभर में इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट करते हैं। इसी रास्ते पर दुनिया का करीब 15% शिपिंग ट्रैफिक होता है। हूती विद्रोहियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर इंटरनेशनल बिजनेस को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इस समस्या को खत्म करने और बिजनेस को बचाने के लिए हूती विद्रोहियों को रोकना बहुत जरूरी है।
दरअसल, इजरायल-हमास जंग के चलते हूती विद्रोहियों ने गाजा का समर्थन करने के लिए लाल सागर में जहाजों पर हमले शुरू कर दिए हैं और वे शिपिंग रूट्स को लगातार निशाना बना रहे हैं।
शुक्रवार को भी किया था हमला
अमेरिका ने लगातार दूसरे दिन खाड़ी देश पर हमला किया। इससे पहले 3 फरवरी को अमेरिका ने इराक-सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों को तबाह किया था। इन हमलों में इराक के 16 और सीरिया में 18 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। इराक ने दावा किया कि मरने वालों में आम नागरिक भी शामिल हैं।
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