भोपाल

प्रतीकात्मक बैले में दिखाया नृत्य और योग का अद्भुत संयोजन

लिटिल बैले ट्रूप में तीन दिवसीय आयोजन धरोहर-14 का समापन

लिटिल बैले ट्रूप में चल रहे तीन दिवसीय धरोहर -14का बुधवार को समापन हुआ। अंतिम दिन योग दिवस को ध्यान में रखते हुए प्रयोगात्मक बैले का मंचन हुआ। दरअसल, इस बैले में नृत्य और योग का अदभुत संयोजन दर्शकों को देखने मिला। नृत्य के जरिए योग आसनों की प्रस्तुति मंच पर अलग तरह का प्रभाव जगाती नजर आई। इस बैले की प्रस्तुति चैतन्य सोश्यो कल्चरल सोसायटी ने की थी।

सात चक्रों के लिए अलग रंगों का प्रयोग

यह बैले सप्त चक्रों पर आधारित था। नृत्य के माध्यम से योग के आसनों को सम्मिलित कर इस बैले को तैयार किया गया। सात चक्रों को नृत्य और योग के भिन्न आसनों द्वारा और अलग- अलग रंगों को दिखाने के लिए रंगीन कपड़ों व लाइट का उपयोग किया गया। प्रार्थनाओं, श्लोकों एवं मंत्रों के प्रयोग ने बैले को प्रभावी बनाने में मदद की। बतादें, अनहद (नाद) ब्रह्मांड की ऐसी निरंतर गुंजित ध्वनि है, जो शाश्वत है। इस ध्वनि को योगासनों, ध्यान और समाधि के माध्यम से चक्रों को जागृत कर सुना जा सकता है। इसी बात को बैले के माध्यम से बताया गया।

प्रभावी रहा अभिनय

मंच पर सिद्धार्थ बारिक, प्रकाश मीना, साहिल श्रीवास्तव, मोहित मैना, कंचन विश्वास मनीषा हुराईया, सुमन कोठारी, वर्षा मालवीय, यामिनी चक्रपाणि, प्रियंका शर्मा, अनन्या यादव, प्रशिता मेहरा अभिनय के जरिए अपना कमाल दिखाया। बैले की कोरियोग्राफी चंद्र माधव बारिक और श्रुति कीर्ति बारिक ने की। संगीत निर्देशन सुरेन्द्र वानखेड़े का था।

संबंधित खबरें...

Back to top button