इंदौर। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए फरार अक्षय कांति बम को हाई कोर्ट से फिर राहत नहीं मिल सकी। उनकी ओर से अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति प्रेम नारायण सिंह ने जबलपुर से ऑनलाइन सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई की तारीख बढ़ाकर 29 मई कर दी है।
न्यायमूर्ति प्रेम नारायण सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि, मामला हत्या के प्रयास से जुड़ा है और इसमें धारा 435 (फसल को नुकसान पहुंचाना) भी लगी हुई है, इसलिए इसकी सुनवाई बोर्ड से की जाना चाहिए। इसे आगामी बुधवार तक बढ़ाया जा रहा है, इस मामले में कोर्ट अब 29 मई को सुनवाई करेगी।
दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के लगाए आरोप
फरियादी यूनुस पटेल ने ये याचिका इंदौर जिला अदालत में सृष्टि अग्निहोत्री की अदालत में दाखिल की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने खजराना के TI को 8 जुलाई तक जांच प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए। मामले को लेकर एडवोकेट देवल ने कोर्ट में इस बात के तथ्य रखे कि जमीन को लेकर आरोपी अक्षय बम ने याचिकाकर्ता से करीब 6 सौदे किए थे, जो पूरे भी नहीं हुए और दिए गए चेक भी बाउंस हो गए। इस मामले में पुलिस को कई बार शिकायत की गई लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। ऐसे में इन मामलों की गहराई से पड़ाताल कर अक्षय बम के खिलाफ दर्ज केस में धारा 420, 406 और 409 को बढ़ा दिया जाए।
20 साल से चल रहा है विवाद
अप्रैल 2004 अप्रैल में अक्षय बम ने यूनुस और उनके अन्य साथियों के साथ जमीन का सौदा किया था। इसकी राशि 16.77 लाख प्रति एकड़ थी। तय राशि के बाद अक्षय ने इस राशि का भुगतान नहीं किया और सौदा टल गया। बाद में इस जमीन के सौदे को लेकर और भी विवाद हुए। इस दौरान अक्षय कांति बम द्वारा जमीन के सौदों के लिए दिए गए चेक बाउंस हो गए और अनुबंध की शर्तों का पालन भी नहीं हुआ। जब ये विवाद बढ़ा तो 4 अक्टूबर 2007 को आरोपी अक्षय बम उसके पिता कांति बम और अन्य आरोपियों ने फरियादी यूनुस पटेल के खेत पर जाकर वहां काम कर रहे नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट करते हुए कटी हुई सोयाबीन में आग लगा दी थी। इस दौरान आरोपी कांतिलाल बम उनके बेटे अक्षय और साथियों ने यूनुस पर गोली चलाई, जिसमें वह बाल-बाल बच गया था।
8 जुलाई तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के निर्देश
हत्या के प्रयास वाले मामले में 10 मई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान अक्षय और उनके पिता कांति बम को जिला कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन अक्षय और उसके पिता ने हाजिरी माफी का आवेदन कोर्ट में पेश किया था। जिसे अस्वीकार कर अदालत ने दोनों का गिरफ्तारी वारंट जारी कर 8 जुलाई तक कोर्ट में पेश करने के आदेश पुलिस को दिए थे।