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टोल नाके के बाद अब पानी की व्यवस्था संभालेंगे महिला समूह

गांवों में नल-जल योजना का करेंगी संचालन

भोपाल। समर्थन मूल्य के गेहूं उपार्जन केंद्र, टोल नाके के बाद अब प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नलजल योजनाओं को अब महिला स्व सहायता समूहों को देने की तैयारी है। इसके लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी मंशा भी जाहिर की। उन्होंने जल जीवन मिशन की गतिविधियों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करने वाले विधानसभा क्षेत्रों, जिलों, जनपद और ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत करने पर भी जोर दिया है।

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की बैठक में कहा कि मिशन के अंतर्गत बनी संरचनाओं के दीर्घकालीन संचालन के लिए ग्राम स्तर पर भू-जल भण्डारण की क्षमता बढ़ाने की गतिविधियां चलाना आवश्यक है, इसके लिए ग्राम स्तर पर जनजागृति अभियान चलाकर जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 63 प्रतिशत से अधिक घरों को नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में कठिनाई आ रही है, वहां कठिनाइयों और विसंगतियों को व्यावहारिक रूप से दूर करते हुए प्रदेश को हर घर नल से जल उपलब्ध कराने में देश में मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए हर स्तर पर कार्य हो।

ये होगा फायदा

आमतौर पर नल जल योजना के संचालन में बजट की कमी, जल-कर नहीं मिलने की वजह से बिजली कनेक्शन कट जाते हैं और जल प्रदाय ठप हो जाता है। लेकिन अब समूह की महिलाओं को इसे जवाबदारी से संचालित करने के साथ ही जलकर वसूल किया और बिल जमा किया जाएगा। वसूली भी समूह की महिलाएं करेंगी। वसूली से मिलने वाली राशि से महिलाओं को मानदेय दिया जाएगा।

जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल करेगा टास्क फोर्स

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाविद्यालय और शाला स्तर पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण आवश्यक है। अन्य राज्यों में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए बनाई जा रही प्रक्रिया का अध्ययन कर टास्क फोर्स बनाकर प्रकिया का सरलीकरण करें। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के युवाओं को पुलिस भर्ती के लिए प्रशिक्षण भी दें।

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