नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल में एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कोविड के बाद से ही लोगों में कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखने को मिल रही हैं, जो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को काफी ज्यादा प्रभावित कर रही है। इन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों ने कई अंगों को प्रभावित किया है। जैसे एलर्जी, दिल से संबंधित बीमारी, कम सुनने की बीमारी, न्यूरोन से जुड़ी बीमारी, त्वचा संबंधी बीमारी, किडनी, लिवर, लंग्स, जांघ और आंत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। देश के 31 हॉस्पिटल से लिए गए आंकड़ों और क्लिनिकल रजिस्ट्री के आंकड़ों के हिसाब से यह डेटा तैयार किया गया है।
इसमें साफ कहा गया कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सांस फूलना, थकान, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे लक्षण देखे गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 से ठीक हुए लगभग 45 प्रतिशत लोगों में कम से कम एक लक्षण तो जरूर दिखाई दिए हैं। वहीं कोविड के बाद से लोगों में थकान काफी ज्यादा देखी गई है। इस डेटा में और भी चीजों को शामिल किया गया है, जैसे कई सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, सांस फूलना, सिरदर्द, खांसी, घबराहट आदि की परेशानी हो सकती है।
परेशानी बढ़े, तो जरूर लें डॉक्टर की सलाह
आईसीएमआर की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरोना के बाद से यदि किसी मरीज को ज्यादा नींद या फिर थकावट महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही जानकारों का कहना है कि हर माह अपना रुटीन चेकअप अनिवार्य रूप से कराना चाहिए, ताकि कोई बड़ी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आने से पहले ही उसका निदान किया जा सके।
मरीज ठीक होने के बाद भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं
- आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वे में 8,042 मरीजों को शामिल किया गया।
- यह मरीज अपने डिस्चार्ज के 30-60 दिनों के बाद से ही छोटी-मोटी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
- 18.6 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत, और 9.3 प्रतिशत में सांस फूलना, थकान और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गईं। उनमें से 2.92 प्रतिभागियों में एक साल के गैप के बाद कई सारी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ी हैं।
आईसीएमआर ने रिपोर्ट में अन्य शोध किए शामिल
आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट के साथ ही यूरोप के 106 स्टडीज, एशिया के 49 स्टडीज, नॉर्थ और साउथ अमेरिका 31 स्टडीज और दूसरे महाद्वीपों से 194 स्टडीज को भी शामिल किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी हॉस्पिटल में 29 प्रतिशत लोगों को एडमिट किया गया है। वहीं जिन लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया गया है। उन लोगों में थकान, शरीर में दर्द, बैचेनी, नींद की कमी, सांस फूलना जैसी दिक्कत होती है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोविड के बाद से अगर लोगों में जिस तरीके से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखी गई हैं। उसके पीछे का कारण इम्युनिटी का कमजोर होना, डिस्बिओसिस, माइक्रोथ्रोम्बी, फाइब्रोसिस, सांस संबंधी दिक्कत हो सकती है।
वैक्सीन लेने वालों में हेल्थ प्रॉब्लम कम
रिपोर्ट के अनुसार मुताबिक थकान, सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, दिमाग का कमजोर होना, एकाग्रता में कमी, लगातार खांसी, सीने में दर्द, बोलने में परेशानी, मांसपेशियों में दर्द, स्वाद और गंध में कमी की दिक्कत हो सकती है। लगातार खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गंध और स्वाद की कमी, अवसाद और चिंता, बुखार जैसी परेशानी हो सकती है। आईसीएमआर ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने कोविड होने से पहले ही वैक्सीन ले ली थी। उनमें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें कम देखी गई है। कोविड से मरे सिर्फ 16 प्रतिशत मरीजों को ही टीका लगाया गया था।