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एक माह पहले ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का नहीं मिला मुआवजा, अब फिर बारिश से किसान चिंतित

नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में 25 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई थी फसल

भोपाल। ग्वालियर-चंबल, महाकोशल, विंध्य, मालवा सहित प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में इलाकों में फरवरी और मार्च माह में कई बार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई, इससे ग्वालियर जिले में गेहूं, सरसों, सब्जियों मंडला, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल, रीवा, सतना, जबलपुर और दमोह जिलों में चना, मसूर, अलसी, धनिया और मटर की फसलों को खासा नुकसान हुआ था। इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने फसलों के नुकसान का सर्वे किया था।

एक माह बीत जाने के बाद भी बारिश और ओला प्रभावित अधिकतर स्थानों पर प्रभावित किसानों को अभी तक पुराना मुआवजा ही नहीं मिला कि अब उमरिया, मंडला और सिवनी सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में किसानों को एक बार फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसलों के नुकसान से जूझना पड़ रहा है। हालांकि पीड़ित किसानों की समस्या को समझते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रभावित इलाकों में फसलों के सर्वे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

किसान बोले-40 फीसदी फसल नष्ट हुई, अधिकारियों ने कहा- कोई नुकसान नहीं

ग्वालियर। ग्वालियर जिले में फरवरी माह के आखिरी सप्ताह और मार्च के पहले सप्ताह में हुई ओला एवं अतिवृष्टि से फसलें प्रभावित हुईं। भितरवार और डबरा कस्बे में किसानों का कहना है कि इस बारिश व ओलावृष्टि से उनकी फसलों को करीब 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है, जबकि भू- अभिलेख शाखा ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में किसी भी गांव में फसल का नुकसान होना नहीं पाया गया। किसानों के अनुसार भितरवार के ग्राम बनियातोर और डबरा के समूदन में गेहूं, सरसों तथा सब्जियों को नुकसान हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 24 घंटे में सर्वे रिपोर्ट मांगी थी, पटवारियों की टीम भितरवार, डबरा, घाटीगांव और मुरार ग्रामीण के करीब 50 प्रभावित गांवों में पहुंची थी। लेकिन राजस्व दल ने सर्वे में किसी भी गांव में फसल का नुकसान नहीं माना। एसएलआर, रविनंदन तिवारी ने बताया कि ग्वालियर जिले में अतिवृष्टि का आकलन कराया था, लेकिन यहां फसलों को नुकसान नहीं पाया गया।

धनिया, गोभी नष्ट हो गई

हमारे खेत में सब्जी की फसल नष्ट हो गई थी। इसके अलावा धनिया, टमाटर और गोभी की फसल को भी नुकसान हुआ था, लेकिन राजस्व दल खेत का जायजा लेने नहीं आया और एक ही जगह बैठकर पूरे गांव का नजरी मुआयना कर लिया। -बीरवल सिंह, ग्राम बनियातोर (भितरवार)

गेहूं की फसल बिछ गई

बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा आंधी के चलते हमारे खेतों में खड़ी हुई गेहूं की फसल बिछ गई थी, इससे इसका दाना कमजोर हो गया। सरसों का फूल भी झर गया था। नुकसान का आकलन नहीं किया गया। -कमल सिंह, ग्राम समूदन (डबरा)

विंध्य-महाकोशल के सैकड़ों गांवों में हुआ नुकसान, कुछ को ही मिला मुआवजा

जबलपुर। महाकोशल और विंध्य अंचल के बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा जिलों में पिछले माह हुई बारिश से फसलों को नुकसान हुआ था। हाल में भी तीन दिनों से यहां बारिश व ओलावृष्टि हो रही है। इससे गेहूं व दलहनी फसलों को नुकसान है।

  • नरसिंहपुर : जिले में ओला- बारिश से 44 हजार हेक्टेयर में मसूर खराब हुई थी। कृषि और राजस्व विभाग के सर्वे में 976 में 33 से 50 फीसदी मसूर को क्षति पाई गई। मुआवजा नहीं मिला है।
  • सिवनी: जिले में 9 गांवों के 269 फसल खराब हुई थी। सर्वे के बाद 20 लाख मुआवजा बांटा गया। 10 लाख से अधिक को बंटना है।
  • छिंदवाड़ा: बारिश-ओलावृष्टि से 737 फसल 25 से 50 फीसदी तक खराब हुई थी। सर्वे के बाद भी मुआवजा नहीं मिला।
  • मंडला: निवास के 46 व नारायण गंज के 20 गांवों में फसलें प्रभावित हुईं। मुआवजा नहीं मिला।
  • बालाघाट: बैहर, बिरसा व लामता तहसील में 72 हेक्टेयर में चना, मसूर व अलसी खराब हुई थी। पर मुआवजा नहीं मिला है।
  • रीवा : 27 गांवों में 478 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ। सर्वे रिपोर्ट प्रशासन को भेजी गई पर मुआवजा नहीं बंटा। शहडोल, अनूपपुर व उमरिया जिलो के भी मुआवजा नहीं मिला है।

35 क्विंटल मसूर खराब

सात एकड़ खेत में में मसूर की फसल लगाई थी, बारिश से रोग और मौसम के कारण काफी नुकसान हुआ है। करीब 35 क्विंटल मसूर की क्षति हुई है। कलेक्ट्रेट में शिकायत की, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। -प्रवीण दुबे, किसान ग्राम कुसमी, नरसिंहपुर

इंदौर में नुकसान नहीं

इंदौर जिले में रबि की फसल के सीजन में पिछले माह आंशिक रूप से बारिश हुई थी। इसके बाद फसलों को अधिक नुकसान नहीं हुआ। 5 से 10 प्रतिशत का नुकसान फसल बीमा में कवर हो जाता है। अभी फसल कटाई का काम चल रहा है। -शिवराज राजपूत, जिला कृषि अधिकारी, इंदौर

इधर…डिंडौरी, उमरिया में बारिश, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला में गिरे ओले

जबलपुर। अंचल में मंगलवार को भी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। छिंदवाड़ा और डिंडौरी में दोपहर में पानी गिरा। कई जगह बेर के आकार के ओले गिरे। ओलावृष्टि से टमाटर और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। सिवनी जिले में तेज बारिश हुई। वहीं कान्हीवाड़ा क्षेत्र के कई ग्रामों में वर्षा व ओलावृष्टि से गेहूं, चना, मसूर के साथ सब्जियों में टमाटर, मटर, धनिया आदि फसलों को नुकसान की आशंका है। वहीं डिंडौरी के अंगई में युवक मनोहर मरावी और उमरिया के चरगवां में आकाशीय बिजली से बृजमोहन सिंह (50) वर्ष किसानों की मौत हो गई।

सीएम ने सर्वे के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के कुछ जिलों समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में हुई असामयिक वर्षा व ओलावृष्टि को लेकर जिला कलेक्टरों को सर्वे के निर्देश दिए हैं। फसलों की क्षति का आंकलन कर नियमानुसार प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई की कार्रवाई की जाएगी।

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