
नई दिल्ली। सोशल मीडिया का उपयोग 30 मिनट तक कम करके मानसिक स्वास्थ्य को दुरूस्त करने के साथ ही नौकरी के प्रति संतुष्टि की भावना में सुधार लाने में मदद मिलती है। वहीं, इसका लगातार उपयोग करने वाले लोगों को अपने काम पर ध्यान लगाने में मुश्किल होती है। एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करने से उपयोगकर्ताओं को काम का दबाव कम महसूस होता है और उनमें बेचैनी या घबराहट भी कम होती है।
जर्मनी में रुर यूनिवर्सिटी, बोचम और जर्मन सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया से दूरी बनाने से लोगों को अपना काम करने का अधिक वक्त मिलता है और उन्हें ध्यान भटकने की समस्या भी कम होती है। पत्रिका बिहेवियर एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के लेखक जूलिया ब्रेलोव्स्किया ने कहा, जो लोग सोशल मीडिया फीड पर नजर रखने के लिए काम रोक देते हैं, उनके लिए अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना और मुश्किल हो जाता है।
166 लोगों पर अध्ययन
अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 166 लोगों को शामिल किया जिनमें से सभी नौकरी करते थे। वे बिना काम के सोशल मीडिया पर हर दिन कम से कम 35 मिनट का वक्त बिताते हैं। ब्रेलोव्स्किया ने कहा, इतने कम वक्त में भी हमने पाया कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर हर दिन 30 मिनट से कम वक्त बिताया उनमें मानसिक स्वास्थ्य और नौकरी के प्रति संतुष्टि की भावना में सुधार आया।
अत्यधिक इस्तेमाल से कई नुकसान
- रोजाना 300 मिनट इस्तेमाल से अवसाद के विकास की आशंका बढ़ जाती है।
- युवा वर्ग में न सिर्फ आत्मविश्वास कम हो रहा है, बल्कि अकेलापन भी बढ़ रहा है।
- नींद नहीं आने की समस्या बढ़ गई है। मेंटल प्रेशर बढ़ने से सेहत को नुकसान।
- अत्यधिक मोबाइल के इस्तेमाल से गर्दन और कमर दर्द की समस्याएं बढ़ गई हैं।