साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण शुक्रवार 19 नवंबर को लगने जा रहा है। ये एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश और असम राज्यों से देखा जा सकेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को लगेगा। धार्मिक दृष्टि से इसका खास महत्व है। यह साल ही नहीं बल्कि पूरी सदी का सबसे बड़ा आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि 19 नवंबर को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण 580 वर्षों के बाद सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसकी अवधि करीब छह घंटे से भी अधिक रहेगी। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को देखा गया था। इसे सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा गया था।
भारत में चंद्र ग्रहण लगने का समय
चंद्र ग्रहण 19 नवंबर शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है। इसकी शुरुआत भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 33 मिनट पर। खण्डग्रास ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 26 मिनट की होगी। उपछाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 59 मिनट की होगी। इसके बाद अगला चंद्र ग्रहण 2022 में लगेगा।
जानें सूतक काल का प्रभाव
इस बार भारत में चंद्र ग्रहण उपछाया की तरह ही दिखेगा। इस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा, यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण में देश के मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं किए जाएंगे और शुभ कार्यों पर भी रोक नहीं होगी।
इंडिया में कहां-कहां दिखेगा ?
भारत में आखिरी चंद्र ग्रहण सिर्फ उन्हीं जगहों पर नजर आएगा। जहां चंद्रमा आकाश के घेरे में यानी क्षितिज के ऊपर होता है। असम और अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को यह दिखाई दे सकता है। ये एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले इतना लंबा चंद्र ग्रहण 18 फरवरी 1440 को पड़ा था और अगला मौका 8 फरवरी, 26
इन राशि और नक्षत्र में लग रहा है ग्रहण
पंचांग अनुसार चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लग रहा है। जो तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। इन तीनों राशियों के जातकों को करियर में तरक्की मिलेगी। वहीं वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मेष राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ाएगा।
ग्रहण के दौरान यह न करें
- ग्रहण दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत न करें।
- इस दौरान भोजन बनाने और खाने से बचें।
- ग्रहण काल के दौरान पूजा-पाठ के काम नहीं किए जाते।
- ग्रहण के इस दौरान तुलसी का पौधा स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल के समय सोने से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में धारदार वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए।
क्या होता है चंद्रग्रहण ?
पूर्णिमा पर सूर्य-चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है। जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग काला दिखता है, जिसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। नासा के मुताबिक, एक साल में अधिकतम तीन चंद्र ग्रहण हो सकते हैं। अनुमान है कि 21वीं सदी में कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे।
ऐसे देख सकेंगे चंद्र ग्रहण
साल 2021 के आखिरी चंद्र ग्रहण को वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट (VTP) पर 18 नवंबर 2021 को रात 11 बजे से लाइव देखा जा सकेगा। VTP दुनियाभर के एस्ट्रोफोटोग्राफरों का एक ग्रुप है जिसमें खगोलीय घटनाओं की लाइव कमेंट्री सुनी जा सकती है।