
ओस्लो। सामाजिक कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी (51) को 31 साल की जेल की सजा मिली हुई है, जिसके तहत वह सालों से ईरान की राजधानी तेहरान की इविन जेल में बंद हैं। नरगिस मोहम्मदी महिलाओं के हक में आवाज उठाने और उनकी आजादी की मांग को लेकर सालों से जेल में बंद हैं। नरगिस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला, लेकिन जेल में बंद होने की वजह से वो ये अवॉर्ड नहीं ले सकती थीं। ऐसे में उनके जुड़वां बच्चों अली और किआना (17 वर्ष) ने इस सम्मान को लिया। अली और किआना अपने पिता तगी रहमानी के साथ पेरिस में रहते हैं। दोनों ने रविवार को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो सिटी हॉल में मां की जगह नोबेल शांति पुरस्कार स्वीकार किया।
मां की याद में छोड़ी खाली कुर्सी
इस दौरान उन्होंने जेल में बंद अपनी के लिखे संदेश को पढ़ा। अपने पिता तगी रहमानी के साथ कार्यक्रम में पहुंचे दोनों बच्चों ने अपने बीच एक कुर्सी खाली छोड़ रखी थी, जो उनकी मां के सम्मान में थी।