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सरकार पलट कर बटोरी थीं सुर्खियां तीन साल में लगा राजनीति पर ग्रहण!

रक्षा, ऐंदल, मुन्ना लाल, गिर्राज, जसवंत, रणवीर मैदान से बाहर

भोपाल। मध्यप्रदेश में तीन साल पहले ऐतिहासिक सियासी उलटफेर और कमल नाथ सरकार पलट कर देश भर में सुर्खियां बंटोरने वाले 6 नेताओं की चुनावी राजनीति अब अंधकार में है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों में से 6 सदस्य घर बैठ गए हैं। चुनावी राजनीति से ये बाहर हो गए हैं, उपचुनाव में तो भाजपा ने इन्हें टिकट से नवाजा था लेकिन मौजूदा विधानसभा चुनाव में इनका टिकट काट दिया गया। प्रदेश की 230 में से भाजपा 228 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी के दिग्गज नेता अब प्रचार अभियान के साथ नामांकन पत्र जमा कराने की प्रक्रिया में व्यस्त हो गए हैं। डैमेज कंट्रोल के मोर्चे पर भी हाईकमान ने कुछ नेताओं को तैनात किया है। भाजपा हाईकमान ने केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है। उन्हें उसी दिमनी सीट से प्रत्याशी बनाया गया है जहां से पिछले चुनाव में कांग्रेस के गिर्राज दंडोतिया जीते थे और पाला बदलकर भाजपा में आ गए थे। दंडोतिया के अलावा बेटिकट होने वाले नेताओं में रणवीर जाटव गोहद, रक्षा सरोनिया भांडेर, जसवंत जाटव करैरा, ओपीएस भदौरिया मेहगांव और दक्षिण पूर्व से मुन्ना लाल गोयल हैं। इनमें गोयल ने टिकट को लेकर अपना असंतोष भी दिखाया उनके समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया के घर पर प्रदर्शन भी किया।

…पर भाजपा ने इन नेताओं को फिर दिया टिकट

प्रभुराम चौधरी सांची, तुलसी सिलावट सांवेर, बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर, हरदीप सिंह डंग सुवासरा, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव बदनावर,बृजेंद्र सिंह यादव मुंगावली, गोविंद सिंह राजपूत सुरखी, महेंद्र सिंह सिसोदिया बमोरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर, कमलेश जाटव अंबाह, रघुराज कंषाना मुरैना, ऐंदल सिंह कंषाना सुमावली, इमरती देवी डबरा, मनोज चौधरी हाटपिपल्या, जसपाल सिंह जज्जी अशोकनगर और सुरेश धाकड़ पोहरी।

2020 की उथल-पुथल

तीन साल पहले धूमकेतु की तरह इन सभी नेताओं ने जिस तरह कांग्रेस की विधायकी छोड़कर कमलनाथ सरकार को जमींदोज कर दिया था। उसकी सुर्खियां पूरे देश के मीडिया में कई दिन तक बनी रहीं। प्रदेश में मार्च 2020 की सियासी उथल-पुथल के दौरान कांग्रेस के जिन 22सिंधिंया समर्थक विधायकों ने सदस्यता छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था उनमें ये 6 नेता भी थे। उसी साल 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में ये सभी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन इन 6 नेताओं में से तीन चुनाव नहीं जीत पाए। इनके अलावा इमरती देवी, ऐंदल सिंह कंषाना और रघुराज कंषाना भी चुनाव हार गए थे लेकिन मौजूदा मिशन 2023 में ये तीनों को पार्टी ने फिर से मैदान में उतारा है।

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