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कांग्रेस में टिकट घोषित होने के बाद कई जगह विरोध : महू में राम किशोर के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार अंतर सिंह दरबार, खातेगांव और सेमरिया में भी विद्रोह की आहट

महू। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार देर रात प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें 88 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। सूची जारी होने के बाद से ही प्रदेश में एक बार फिर बगावत देखने को मिल रही है। महू से राम किशोर शुक्ला को टिकट देने का विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा सिमरिया से अभय मिश्रा को टिकट मिलने पर भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं खातेगांव से दीपक जोशी को टिकट मिलने पर कांग्रेस नेता लक्ष्मीनारायण बंडावाला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

लगातार दो बार से हार रहे अंतर सिंह दरबार

इंदौर की 9 विधानसभा सीटों में से एक महू विधानसभा है। जहां पर वर्ष 2018 में भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार को 7157 वोटों से हराया था। उस वक्त उषा ठाकुर को 97 हजार वोट और दरबार को 90852 वोट मिले थे। इससे पहले वर्ष 2013 में कैलाश विजयवर्गीय ने 89,848 वोट के साथ जीत हासिल की थी। वहीं अंतर सिंह दरबार को 77632 वोट मिले थे। वर्ष 2013 में 12216 वोट से कैलाश विजयवर्गीय ने अंतर सिंह दरबार को हराया था। दो बार हार मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने अंतर सिंह दरबार का टिकट 2023 के चुनाव में काट दिया है। लेकिन अब अंतर सिंह दरबार और उनके समर्थकों का विरोध दिखाई देने लगा है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ देर रात अपने घर पर नारेबाजी कर निर्दलीय लड़ने की बात भी कही।

महू से राम किशोर शुक्ला को टिकट देने का विरोध किया जा रहा है। कद्दावर नेता अंतर सिंह दरबार के घर पर समर्थक एकत्रित होकर इसका विरोध जता रहे हैं। 15 दिन पहले ही  शुक्ला भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं अब अंतर सिंह दरबार के समर्थकों के मुताबिक, वे अब महू से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। देखें वीडियो…

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किया था शक्ति प्रदर्शन

वहीं बात की जाए कांग्रेस के सर्वे की तो उसके मुताबिक, अंतर सिंह दरबार के लगातार चुनाव हारने के बाद पार्टी द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने की चर्चा अंदर ही अंदर चल रही थी। इससे पहले जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के लिए महू होते हुए निकले थे, उस वक्त भी अंतर सिंह दरबार ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन किया था। लेकिन सर्वे में अंतर सिंह दरबार का नेतृत्व कमजोर दिखाई दिया। इसी वजह से पार्टी ने अन्य उम्मीदवार को टिकट दिया है।

सेमरिया से अभय मिश्रा को टिकट मिलने का  विरोध

सेमरिया से अभय मिश्रा को टिकट मिलने का भी विरोध किया जा रहा है। दरअसल, करीब तीन महीने पहले अभय मिश्रा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं जब सेमरिया विधानसभा से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापस लौटने का फैसला किया। जिसका विरोध पहले से ही कांग्रेसी नेता कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ से अभय मिश्रा को पार्टी में न लेने का अनुरोध भी किया था।

कांग्रेस नेता लक्ष्मीनारायण बंडावाला ने दिया इस्तीफा

पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने हाल ही में भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा है। कांग्रेस पार्टी ने दीपक जोशी को खातेगांव से उतारा है। उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद से ही लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है और सोशल मीडिया पर लगातार दीपक जोशी का विरोध किया जा रहा है। वहीं खबर है कि, लंबे समय से कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में काम करने वाले लक्ष्मीनारायण बंडावाला ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

दीपक जोशी बीजेपी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया था कि, उनके पिता को वो सम्मान नहीं मिला जिनके वो हकदार थे। इसलिए आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

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