
इंदौर। वैसे तो यह दृश्य देखकर आप समझ गए होंगे कि यह जेल में किसी कैदी को छोड़ने आने वाली एंबुलेंस है। लेकिन, एंबुलेंस लगभग 12 घंटों से जेल के बाहर खड़ी हुई है, जिससे ऐ आरोपी को पुलिसकर्मी जेल में छोड़ने आए हैं। आरोपी की कमर टूटी होने के कारण से उसे न तो जेल के अंदर लिया जा रहा है और न ही अस्पताल भेजा जा रहा है। सूचना के बाद मीडिया के कई कैमरामैन आजाद नगर सेंट्रल जेल पहुंच गए। मौके पर न ही जेलर बात करने को तैयार है और न ही कोई पुलिसकर्मी जानकारी देने को तैयार है।
न जेल के अंदर लिया और न अस्पताल भेजा
जानकारी के मुताबिक, आरोपी का नाम मूलत जिम पुत्र शहजाद है। ये छोटी ग्वालटोली थाना क्षेत्र का बदमाश है। मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर करने के बाद मेडिकल होने के बाद उसे आजाद नगर जेल भेजना था। लेकिन, आरोपी की कमर टूट जाने के कारण उसे एंबुलेंस में ही जेल भेजने के आदेश हुए। देर शाम तक वह जेल के गेट पर एंबुलेंस में पहुंचा, लेकिन जेल अधिकारी न तो उसे जेल के अंदर ले रहे हैं और न ही उसे अस्पताल भेज रहे हैं।
#इंदौर : कैदी की टूटी कमर देख जेल के बाहर ही एंबुलेंस को कर दिया खड़ा, करीब 12 घंटे तक जेल के गेट पर ही रहा आरोपी, न जेल के अंदर लिया और न ही अस्पताल भेजा, देखें #VIDEO #Prisoner @CP_INDORE @comindore @MPPoliceDeptt#Indore #MadhyaPradesh #PeoplesUpdate #Jail pic.twitter.com/Xdqhehapda
— Peoples Update (@PeoplesUpdate) August 9, 2023
मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं था : जेलर
घटना की जानकारी के बाद जेलर आलोक वाजपेयी ने बताया कि मंगलवार को शाम 5:00 बजे करीब पुलिस आरोपी को आजाद नगर जेल लेकर आए थे। जब पुलिसकर्मियों से मेडिकल सर्टिफिकेट पूछा तो उन्होंने इनकार कर दिया। मुलजिम को यदि जेल के अंदर लिया जाता है तो कोई भी आरोप लगा सकता है कि जेल में आरोपी के साथ या घटना हुई। यदि डॉक्टर का सर्टिफिकेट पुलिसकर्मियों के पास रहता तो उसे जेल के अंदर लिया जा सकता था। पुलिस कस्टडी में यदि उसकी कमर टूटी हुई है तो उसका आरोप भी जेल कर्मचारियों पर आएगा। इस कारण से आरोपी को देर शाम से ही जेल के बाहर एंबुलेंस में ही रखा गया है।
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(इनपुट – हेमंत नागले)