
हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि के दिन विशेष रूप से मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां की चौकी लगाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए व्रत करते हैं। आज नवरात्रि का आठवां दिन है, जिसे महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। इस दिन माता रानी के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा का विधान है। इस तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
गौरी नाम कैसे पड़ा ?
भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं, तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा।
अष्टमी तिथी को क्यों माना गया है ?
दुर्गाष्टमी और नवमी तिथि को विशेषतौर पर मां दुर्गा की पूजा की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। इस दिन देवी के अस्त्रों की पूजा भी की जाती है। इसलिए इसे कुछ लोग वीर अष्टमी भी कहते हैं। कथाओं के अनुसार इसी तिथि को मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था। इसलिए इस तिथि का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ माता की पूजा अर्चना करते हैं मां प्रसन्न होकर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, दुर्गा अष्टमी तिथि की शुरुआत बुधवार शाम 7 बजकर 2 मिनट पर हो जाएगी और इसका समापन 29 मार्च को रात 9 बजकर 7 मिनट पर होगा। वहीं नवमी 30 मार्च 2023 को रात 11.30 तक है।
मां महागौरी की पूजा विधि
- महा अष्टमी के दिन स्नान करने के बाद मां दुर्गा की षोडशोपचार विधि अर्थात सोलह वस्तुओं का अर्पण करते हुए पूजा की जाती है।
- मां गौरी की पूजा पीले या सफेद वस्त्र धारण करके करनी चाहिए। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें।
- पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल और मिठाई अर्पित करें। उसके बाद इनके मंत्रों का जाप करें।
- अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे।
- अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। इससे मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं।
महा अष्टमी के उपाय
- अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी में सिक्के और बताशे रख कर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से मां आपकी सभी मुरादें पूरी करती हैं।
- इस दिन कन्या पूजन के दौरान 9 कन्याओं को उनके पसंद का भोज कराने के बाद, उनकी जरूरत का कुछ भी लाल रंग का सामान जरूर भेंट करें। ऐसा करने से माता रानी की कृपा बनी रहती है।
- अष्टमी के दिन किसी सुहागिन स्त्री को लाल रंग की साड़ी और श्रृंगार का सामान भेंट करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर परिवार में सुख-समृद्धि आएगी और घर में धन की आवक बनी रहती है। इसके साथ ही मां दुर्गा भी प्रसन्न होती हैं।
मां महागौरी की पूजा से मिलते हैं ये लाभ
- मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है।
- विवाह से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं
- मनचाहा विवाह हो जाता है
- शुक्र से संबंधित समस्याएं भी हल होती हैं
- व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं
- जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है
- मां की कृपा से जीवन के कष्ट, दुख, और परेशानियां दूर होते हैं
- शत्रु पर विजय प्राप्त होती है