
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं अब प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। अब इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि अब कांग्रेस की हालत ये हो गई है कि एक दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा। इस उन्होंने फिर कमलनाथ से एक सवाल पूछा है।
किस-किस तरह के उपमाएं दी जा रही है : सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा के दौरान मंगलवार को कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये तो आश्चर्य की बात है। कोई कहता है भावी कोई कहता है अवश्यम्भावी, अब पता नहीं किस-किस तरह के मुख्यमंत्री की उपमाएं दी जा रही है। भावी अवश्यम्भावीऔर अब प्रभारी कह रहे हैं अप्रभावी, अभी कोई तय ही नहीं है। सीएम ने आगे कहा कि एक दिल के टुकड़े हजार हो गए कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा, कांग्रेस की हालत ये हो गई है।
#भोपाल : #मध्यप्रदेश में #सीएम के चेहरे को लेकर मुख्यमंत्री #शिवराज_सिंह_चौहान ने #तंज कसते हुए कहा कि आश्चर्य की बात है। अब #कांग्रेस की हालत ये हो गई है कि एक दिल के टुकड़े हजार हुए कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा।@ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @BJP4MP @INCMP… pic.twitter.com/Tum4FzQR6E
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जेपी अग्रवाल की इस बात पर मचा बवाल
दरअसल, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कहा था कि कमलनाथ के चेहरे पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं है। कमलनाथ हमारे पीसीसी चीफ है मैं उनकी बहुत आदर करता हूं। किन्तु मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना एक लंबा प्रोसेस है। उन्होंने कहा था कि एक पूरी कमेटी बैठकर चेहरे को तय करती है।
सीएम ने पूछा सवाल
सीएम शिवराज का पीसीसी चीफ कमलनाथ से सवाल पूछने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार को सीएम शिवराज ने सवाल पूछते हुए कहा- मैँ जो पूछता हूं उसका जवाब नहीं देते हैं। कमलनाथ जी हमने तो युवा नीति में फैसला किया कि 1 हजार जनजातीय युवा कलाकारों को 3 महीने के लिए प्रतिमाह 10 हजार मानदेय पर फैलोशिप प्रदान की जाएगी। आपने कहा था कि मध्य प्रदेश की जनजातीय लोक कलाओं के संवर्धन के लिए लोककला शाला की स्थापना करेंगे, रंगमंच की सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे। कहां है लोककला शाला ? कहां है रंगमंच की सुविधा ? बताएं।
#भोपाल : जो पूछता हूं उसका जवाब नहीं देते हैं। #कमलनाथ जी हमने तो #युवा_नीति में फैसला किया कि 1 हजार जनजातीय युवा कलाकारों को 3 महीने के लिए प्रतिमाह 10 हजार मानदेय पर फैलोशिप देंगे। आपने कहा था कि #मध्य_प्रदेश की जनजातीय लोक कलाओं के संवर्धन के लिए लोककला शाला की स्थापना… pic.twitter.com/jdFN24OTAQ
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