राष्ट्रीयस्वास्थ्य

H3N2 की दहशत, एहतियात और इलाज की रणनीति के लिए कर्नाटक सरकार ने बुलाई बैठक

बेंगलुरू। इन्फ्लुएंजा को लेकर बढ़ी दहशत के बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में ‘एच3एन2’ वायरस फैलने से बचाव के एहतियाती कदमों पर चर्चा होगी। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को हमें एच3एन2 को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश के बाद कर्नाटक के हेल्थ कमिश्नर और प्रधान सचिव विचार-विमर्श किया।

कर्नाटक में अब तक कोई मामला नहीं

सुधाकर ने कहा- कर्नाटक में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार लक्षणों में से एक लगातार खांसी रहना है। जब ऐसे मामले आते हैं, तो क्या कदम उठाए जाएंगे और इलाज की कौन-सी पद्धति अपनाई जाएगी, इस पर विशेषज्ञों के साथ सोमवार को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।

यह इन्फ्लुएंजा के सब वैरिएंट के कारण

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से बुखार के साथ लगातार खांसी इन्फ्लूएंजा ए के उप स्वरूप एच3एन2 के कारण है। ICMR के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पिछले दो-तीन महीनों से व्यापक रूप से लोगों की सेहत के लिए खतरा बना हुआ है। उसने इस वायरस से बचने के लिए गाइडलाइन भी जारी की है।

पांच दिन रहेगा मौसमी बुखार

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का कहना है कि यह बुखार पांच दिन तक रहने वला है। इसलिए खांसी, सर्दी जैसे मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध उपयोग नहीं किया जाए।

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