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Rudraksh Mahotsav : कुबेरेश्वर धाम में हालात बेकाबू, रुद्राक्ष लेने के लिए लाइन में खड़ी महिला की मौत; हाईवे पर लगा जाम

भोपाल/सीहोर। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण कथा की शुरुआत हो गई है। रुद्राक्ष महोत्सव 16 फरवरी से 22 फरवरी तक चलेगा। पिछले दो दिनों से कुबेरेश्‍वर धाम पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ है।

रुद्राक्ष महोत्सव में भारी भीड़ के कारण हालात बेकाबू हो गए। रुद्राक्ष लेने के चक्कर में भगदड़ जैसे हालात बने हुए हैं। वहीं रुद्राक्ष लेने के लिए लाइन में खड़ी एक महिला की मौत हो गई। मंडी थाना एसआई धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि मृतक महिला मंगला बाई पति गुलाब (50) महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव की रहने वाली थी। महिला की अचानक से तबीयत खराब हो गई और वह चक्कर खाकर गिर पड़ी। भीड़ इतनी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है।

तीन महिलाएं लापता, कई हुए बेहोश

पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में रूद्राक्ष के लिए अब तक करीब 10 लाख लोग सीहोर पहुंचे हैं। भीड़ इतनी ज्यादा है कि लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है। इसी भीड़ में तीन महिलाएं लापता हो गईं। एक महिला छत्तीसगढ़ के भिलाई से आई हैं, दूसरी राजस्थान के गंगापुर की रहने वाली हैं, तीसरी महाराष्ट्र के बुलढाणा की निवासी बताई जा रही है। 40 काउंटर से रुद्राक्ष बांटे जा रहे हैं। वहीं आज सुबह 10 बजे तक 5 लाख श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष बांटे जा चुके हैं। जबकि, रूद्राक्ष के लिए घंटों लाइन में लगे लोग बेहोश हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।

सीएम का दौरा निरस्त

कुबेरेश्वर धाम में बुधवार को करीब डेढ़ लाख रुद्राक्ष बांटे गए थे। आश्रम में 40 काउंटर से रुद्राक्ष बांटे जा रहे हैं। इसी बीच दोपहर 3 बजे तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रुद्राक्ष महोत्सव महाकुंभ में शामिल होने के लिए कुबेरेश्वर धाम पहुंच थे। लेकिन अचानक से उन्होंने महोत्सव स्थल का दौरा भी निरस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 18 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कुबेरेश्वर धाम पहुंच सकते हैं। इसके पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ और बीजेपी प्रदेश अधिक वीडी शर्मा बागेश्वर धाम जा चुके हैं।

एक दिन पहले शुरू किया रुद्राक्ष बांटना

रुद्राक्ष का वितरण तय समय से एक दिन पहले शुरू भी हुआ, लेकिन इतनी भीड़ को संभालने के लिए लगाई गई व्यवस्था नाकाफी दिखी। रुद्राक्ष के लिए एक से डेढ़ किलो मीटर लंबी कतार लगी थी। इस कतार में 2 लाख से ज्यादा लोग लगे हुए थे।

लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराया

आयोजन समिति का कहना है कि 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 10 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स व्यवस्था में लगे हुए हैं। असल बात तो ये थी कि ज्यादातर पुलिसवाले ट्रैफिक संभालने में ही लगे हुए थे। मंदिर प्रांगण में जहां रुद्राक्ष वितरण केंद्र के लिए कतार थी, वहां भीड़ को कंट्रोल करने के कोई उपाय नहीं थे। शाम 5 बजे तक यहां के प्राथमिक उपचार केंद्रों में 2 हजार से ज्यादा लोग पहुंच चुके थे। ज्यादातर इस भीड़ भरी अव्यवस्था में घबराहट, उल्टी और चोट लगने के कारण पहुंचे थे।

इंदौर-भोपाल हाईवे पर लगा जाम

सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम से इछावर रोड तक 7 किमी का लंबा जाम लगा है। भोपाल की ओर हाईवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। यानी इंदौर-भोपाल हाईवे पर 27 किमी लंबा जाम लगा हुआ है। सीहोर से इंदौर की तरफ हाईवे पर 17 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। पुलिस और प्रशासन की टीम के अलावा आरएसएस, बजरंग दल, स्थानीय लोग, समिति सदस्य सहित कुल 15000 लोग व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। इनकी ड्यूटियां कथा पंडाल, भोजन पंडाल, रुद्राक्ष वितरण केंद्र पर लगी हुई है।

मोबाइल नेटवर्क भी हुआ ध्वस्त

श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ की वजह से पुलिस-प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुबेरेश्वर धाम पर आए श्रद्धालुओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त होने की वजह से आ रही है। श्रद्धालु परिजनों से बिछड़ रहे हैं।

क्यों खास है इस रुद्राक्ष में ?

हिन्दू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ कर देखा जाता है, जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है, उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि कुबरेश्वरधाम के रुद्राक्ष भोपाल विज्ञान केंद्र और इंदौर विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक जांच के लिए गए थे। रिपोर्ट आई तो पता चला कि रुद्राक्ष में नेपाल स्थित गंडकी नदी का पानी मिला हुआ है। इसे औषधीय माना जाता है। रुद्राक्ष को पानी में डालकर रखा जाए और उस पानी को लोगों को पिला दें तो रोगी की बीमारियां दूर हो जाती हैं।

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