
लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE के चीफ वेलुपिल्लई प्रभाकरन के बारे में तमिल नेता ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। तमिलनाडु के कांग्रेस नेता और वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने सोमवार को दावा किया कि, वेलुपिल्लई प्रभाकरन जिंदा है। नेदुमारन ने कहा- प्रभाकरन न सिर्फ जिंदा हैं बल्कि स्वस्थ भी हैं। उनके मुताबिक, सही समय आने पर प्रभाकरन दुनिया के सामने आएंगे।
जल्द सबके सामने आएंगे प्रभाकरन
वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स के अध्यक्ष पी नेदुमारन ने तमिलनाडु के तंजावुर में एक बयान जारी कर ये दावा किया। वर्ल्ड तमिल फेडरेशन के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने कहा कि, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे तमिल राष्ट्रीय नेता प्रभाकरन जिंदा हैं और वह ठीक हैं। वह जल्द ही सामने आएंगे और तमिलों के बेहतर जीवन के लिए नई योजना की घोषणा करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि, यह खुलासा प्रभाकरन के परिवार की सहमति से कर रहे हैं। बता दें कि श्रीलंकाई सेना ने 2009 में एक सैन्य अभियान चलाया था, जिसमें प्रभाकरन के मारे जाने की बात कही गई थी।
2009 में श्रीलंका की सेना ने उतारा था मौत के घाट
21 मई 2009 को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई या लिट्टे) के संस्थापक वेलुपिल्लई प्रभाकरन को श्रीलंका की सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। उस समय श्रीलंका के सैनिक उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। अगले दिन उसका शव मीडिया को दिखाया गया था। प्रभाकरन के मारे जाने के बाद लिट्टे ने हार मानते हुए अपनी बंदूकें शांत करने की घोषणा की थी।
श्रीलंका का आतंकी संगठन था LTTE
LTTE श्रीलंका का आतंकी संगठन था। वेलुपिल्लई प्रभाकरन इसका मुखिया था। यह तमिलों के लिए अलग राष्ट्र की मांग कर रहा था। 1976 में इस संगठन ने विलिकाडे में नरसंहार कर अपनी हिंसक और मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। उसने कई श्रीलंकाई नेताओं को निशाना बनाया। 80 के दशक के बाद LTTE को कई देशों से सहयोग मिलने लगा और इसकी ताकत बढ़ती गई।