
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचे। यहां उन्होंने नशा मुक्ति और शराबबंदी से जुड़े एक सवाल पर कहा कि, नशे की गिरफ्त में आने की वजह से मेरे बेटे की जान चली गई। तभी से मैंने कसम खा ली है कि अब युवाओं को नशे की गिरफ्त में नहीं आने दूंगा। इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नशाबंदी मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि, वे अच्छा काम कर रही हैं।
देश को नशे से बचाना है उद्देश्य
केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने जबलपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, देश में हर साल करीब 20 लाख लोगों की मौत नशे के वजह से हो रही है। यह नशा शराब,गांजा भांग के अलावा चरस, अफीम और ड्रग्स का है जिसकी जकड़ में युवा तेजी से जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा साजिशन भारत में लाए गए नशे को खत्म करना अब बेहद जरूरी हो गया है। इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री की अपील
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि 31 दिसंबर से 1 जनवरी याने 2 दिनों में 10 करोड़ लोगों को नशा मुक्ति का संकल्प करवा रहा हूं। साथ ही लोगों से नशे का सेवन ना करने से और नशा छोड़ने का संकल्प लेने की अपील की।
देश के युवाओं को नशे की गिरफ्त में नहीं आने दूंगा
शराबबंदी और नशा मुक्ति पर बातचीत करते हुए उन्होंने व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि, मेरा बेटा आकाश पता नहीं कब नशे की गिरफ्त में आ गया और उसकी जान चली गई, मैंने अपने हाथों से उसकी चिता को आग दी थी तभी से कसम खा ली कि अब देश के युवाओं को नशे की गिरफ्त में नही आने दूंगा।
केंद्रीय मंत्री के बेटे ने लिवर खराब होने के चलते साल 2020 में अंतिम सांस ली। उन्होंने संकल्प लिया था कि, वह अपने बच्चे को तो नहीं बचा सके लेकिन दूसरों के बच्चे नशे से बच सकें, इसके लिए अभियान शुरू करेंगे।
उमा भारती और सीएम शिवराज का भी किया जिक्र
नशा मुक्ति अभियान चला रहे केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नशाबंदी मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि वे अच्छा काम कर रही हैं। वह शराब दुकानों के खिलाफ मोर्चा खोली हुई हैं और नशा विरोधी अभियान चला रही हैं। साथ ही कहा कि, नशा मुक्त समाज के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शराब से आने वाले राजस्व का 3 गुना खर्चा उससे होने वाले नुकसान पर सरकार खर्च करती है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि प्रदेश से देश से नशे को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।