
इंदौर। इंदौर जिला अदालत ने 13 वर्षीय किशोरी से बार-बार रेप करने के मामले में उसके पिता को शनिवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उसे आखिरी सांस तक जेल में कैद रखने की सजा सुनाई। स्पेशल जज सुरेखा मिश्रा ने 32 वर्षीय दोषी को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के सम्बद्ध प्रावधानों के तहत सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पिता पर 6,000 रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही सिफारिश भी की कि रेप पीड़ित लड़की को सरकारी खजाने से 3 लाख रुपये का मुआवजा अदा किया जाए।
कोर्ट ने कहा- पिता से ही सुरक्षित नहीं, किस पर भरोसा करेगी
विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी लड़की उसके साथ किसी तरह की घटना होने पर अपने पिता से ही सुरक्षा की अपेक्षा रखेगी। लेकिन, जब पिता ही बेटी के साथ इस तरह का घृणित अपराध करे, तो समाज से उस लड़की को कैसे सुरक्षा मिलेगी और वह किस पर भरोसा करेगी। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि रेप के मुजरिम ने बेटी का नैसर्गिक संरक्षक होने के बावजूद एक घृणित अपराध करके न केवल पीड़िता का भरोसा तोड़ा है, बल्कि समाज में पिता के देवतुल्य स्थान का उपहास किया है।
मां को मारने की धमकी देकर चुप कराया
घटना के बाबत एक पुलिस ने बताया कि इंदौर के लसूड़िया क्षेत्र में रहने वाले इस व्यक्ति ने अपनी बेटी के साथ वर्ष 2018 में बार-बार दुष्कर्म किया था। वह पीड़ित बच्ची को धमकी भी दी थी कि अगर उसने किसी को घटना के बारे में जानकारी दी तो वह उसकी मां को जान से मार देगा।