
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मंगलवार को काम बंद हड़ताल शुरू हो गई है। डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि कैबिनेट में प्रशासनिक अधिकारी का प्रस्ताव आया और पास किया गया तो हम इमरजेंसी सेवा भी बंद कर देंगे। बता दें कि मेडिकल कॉलेजों में ब्यूरोक्रेट्स (आईएएस, एसएएस) अफसरों की तैनाती करने के फैसले की जानकारी लगने के बाद इसका विरोध शुरू हुआ है।
गौरतलब है कि जीएमसी के मेडिकल टीचर्स ने ओपीडी खत्म होने के बाद एडमिन ब्लॉक के सामने चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठनों के साथ मीटिंग की थी। इसमें मेडिकल टीचर्स का कहना था कि हमने अफसरों को पत्र लिखकर मिलकर अपनी बात रखने के लिए समय मांगा था। लेकिन , किसी को हमारी बात सुनने का समय नहीं है।
OPD से लेकर सर्जरी तक बंद
मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि विभागीय अधिकारी अव्यवहारिक फैसले ले रहे हैं। हड़ताल के दौरान ओपीडी से लेकर सर्जरी तक बंद रहेंगी। डॉक्टर्स ने ये फैसला लिया है कि कल पोस्टमार्टम भी नहीं किए जाएंगे।

सरकार के नए प्रस्ताव के विरोध में डॉक्टर्स
एमपी चिकित्सा शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि 22 नवंबर को कैबिनेट में चिकित्सा महाविद्यालय में प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिसको लेकर रविवार को प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग रखी गई थी। जिसमें सभी पदाधिकारियों ने यह फैसला लिया कि इस गलत प्रक्रिया का मजबूती से विरोध होना चाहिए और इसी के फलस्वरूप आज सभी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।
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कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- मांगों पर विचार करे सरकार
मेडिकल कॉलेजों में हो रही हड़ताल और प्रदर्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत पहले से ही ख़राब है। ऐसे में राज्य सरकार को आम जनता के हित में उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।