
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। यहां शोपियां के चौधरी गुंड इलाके में आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी है। मरने वाला युवक कश्मीरी पंडित बताया जा रहा है। वहीं सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
घर के पास पीछे से मारी गोली
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान चौधरी गुंड निवासी पूरन कृष्ण भट के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि, वह सुबह अपने घर के पास बागान में काम के लिए जा रहा था। इस दौरान घर के पास ही आतंकी आए और पीछे से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पड़ोसियों का कहना है कि पूरन परिवार में इकलौता कमाने वाला था। वह अपने पीछे दो बच्चों और पत्नी को अकेला छोड़ गया है।
तलाशी अभियान शुरू
हमले के बाद उन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर हत्यारों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वारदात में दो से तीन आतंकियों के शामिल होने का अंदेशा है।
इस साल बढ़ी टारगेट किलिंग की घटनाएं
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं इस साल अप्रैल-मई से बढ़ गई हैं। बीते 12 मई को बड़गाम जिले में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मारी।
12 अगस्त: बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में गैर-कश्मीरी मजदूर पर फायरिंग की। इसमें उसकी मौत हो गई।
18 जून: पुलवामा में पुलिस के सब इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर की हत्या।
2 जून: बडगाम में आतंकियों ने देर शाम दो गैर-कश्मीरी मजदूरों को बनाया निशाना, एक की मौत, एक घायल।
2 जून: कुलगाम जिले में एक बैंक प्रबंधक की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
31 मई: कुलगाम के गोपालपोरा में हिंदू महिला शिक्षक रजनी बाला की हत्या।
25 मई: बडगाम में घर पर टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या। उसका 10 वर्षीय भतीजा हाथ में गोली लगने से घायल।
24 मई: श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की हत्या। उसकी 7 साल की बेटी घायल
17 मई: बारामुला में शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला, राजोरी के सेल्सैन रंजीत सिंह की मौत, तीन अन्य घायल
13 मई: पुलवामा के गडूरा गांव में निहत्थे पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या
12 मई: बडगाम में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की चाडूरा तहसील कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी।
7 मई: श्रीनगर में डॉ अली जान रोड पर आइवा ब्रिज के पास आतंकवादी हमले में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की मौत।
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घाटी में लगातार क्यों हो रही टारगेट किलिंग?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि इसका मकसद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं को रोकना है।
टारगेटेड किलिंग में खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।