
इंदौर के होलकर स्टेडियम में मंगलवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा मैच खेला जाएगा। यह मुकाबला शाम 7 बजे से शुरू होगा। मैच से ठीक एक दिन पहले मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के दफ्तर (एमपीसीए) में इंदौर नगर निगम ने छापा मार दिया।
इस पर एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने नगर निगम पर टिकट और पास की मांग को लेकर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है। खांडेकर ने कहा टिकट और पास की मांग नगर निगम कर रही थी। टिकट और पास नहीं देने पर छापामार कार्रवाई की गई है।
IND vs SA: #इंदौर_नगर_निगम के अधिकारियों पर एमपीसीए चेयरमैन अभिलाष खांडेकर ने लगाए गंभीर आरोप, मैच से पहले वसूली के लिए पहुंचे थे अधिकारी। देखें #VIDEO#Circket #MPNews #PeoplesUpdate#INDvsSA pic.twitter.com/HiJtFBaAfw
— Peoples Samachar (@psamachar1) October 4, 2022
भुगतान में अभी समय था : खांडेकर
एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की है। उनका कहना है कि एमपीसीए के दफ्तर में छापा मारा गया, जबकि 31 मार्च 2023 तक भुगतान करने का समय था। इंदौर की छवि बचाने के लिए हमें 32 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा। इंदौर नगर निगम ने एक अंतरराष्ट्रीय मैच से एक दिन पहले यह कार्रवाई की, जबकि मेरे संगठन ने इससे पहले कभी कोई गलती नहीं की थी। कर का भुगतान करने में कोई गलती नहीं की है।
टिकट और पास का आरोप लगाया
नगर निगम में युवा आईएएस अधिकारियों को कुछ पास चाहिए थे। मैंने परंपरा और शिष्टाचार के नाते निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को पहले ही 25 पास भिजवा दिए थे। इसके बाद भी यह छापेमारी आश्चर्यजनक है। जबकि कर भरने के लिए 2022 से 2023 तक का समय एमपीसीए के पास है।
सीएम शिवराज से की कार्रवाई की मांग
खांडेकर ने कहा कि हम अगर अंतरराष्ट्रीय मैच करवाना बंद कर देंगे तो इससे नुकसान इंदौर शहर का होगा। इसमें अधिकारियों का कुछ नहीं जाएगा। हम तो छोटे लोग हैं, अगर हम नगर निगम के कार्य में बीच में आते तो वो हम पर एफआईआर करा देते। उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारियों द्वारा की गई इस हरकत से मुझे रातभर नींद नहीं आई। मैं सीएम शिवराज से ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाने की मांग करता हूं।
नगर निगम ने कही ये बात
इधर, नगर निगम की अपर आयुक्त भव्या मित्तल के मुताबिक, मैच के पहले क्रिकेट एसोसिएशन को निगम से एनओसी लेना होती है। एमपीसीए ने संपत्तिकर, पार्किंग शुल्क व अन्य करों का भुगतान नहीं किया था। इस वजह से हमारी टीम कर वसूली के लिए पहुंची। मैच के पास ना मिलने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मेरे पास तो किसी तरह के मैच पास आए भी नहीं।

टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग जोरों पर
बता दें कि 35 लाख की आबादी को 10 हजार से भी कम टिकट उपलब्ध कराए गए। एमपीसीए के पदाधिकारी तो बताने तक को तैयार नहीं हैं कि कितने टिकट ऑनलाइन बिके हैं और कितने ऑफलाइन। टिकटों की व्यवस्था कुछ इस प्रकार रहती है कि बड़ी संख्या में पास बंट जाते हैं। फिर क्लब्स से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों को टिकट जाते हैं। जो बच जाते हैं, वह ऑनलाइन बिकते हैं। इस बार टिकट ऑनलाइन हुए और कुछ ही सेकंड्स में बिक भी गए। अब टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई है। हजारों में टिकट बिक रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक कारोबारी ने तो टिकट की फोटोकॉपी कर बेचना शुरू कर दिया और लाखों रुपए कमा लिए।
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एमपीसीए से बकाया राशि वसूली
इधर, निगम के जोन नंबर 9 के सहायक राजस्व अधिकारी अभय कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, एमपीसीए की एक पार्किंग के 2.5 लाख रुपए, जलकर के 1.80 लाख रुपए, कचरा संग्रहण शुल्क के 11 हजार 898 रुपए और संपत्ति कर के एडवांस भुगतान के बाद भी 94 हजार रुपये की राशि बकाया थी। इस वजह से हमारी टीम कर वसूली के लिए स्टेडियम पहुंची थी। एमपीसीएस ने बकाया करों का भुगतान किया।
इसके बाद उन्हें मैच के आयोजन के लिए एनओसी दी। नगर निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल के मुताबिक हम हर बड़े बकायादार पर कार्रवाई करते हैं। एमपीसीए के संपत्तिकर व अन्य मदों की राशि बकाया थी।