
हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा आशा पारेख को इस साल दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी है। 30 सितंबर को उन्हें यह अवॉर्ड दिया जाएगा। आशा पारेख अभिनेत्री के साथ-साथ प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर भी रही हैं। इससे पहले उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
बाल कलाकर के रूप में की करियर की शुरुआत
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में बेबी आशा पारेख नाम से की थी। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने उन्हें समारोह में नृत्य करते देखा और उन्हें 10 साल की उम्र में फिल्म मां (1952) में लिया और फिर उन्हें बाप बेटी (1954) में दोबारा भूमिका करने का मौका दिया।
ये भी पढ़ें- जैकलीन को बड़ी राहत, 200 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली अंतरिम जमानत
16 साल की उम्र में आशा पारेख ने फिर से अभिनय करने की कोशिश की और एक नायिका के रूप में अपनी शुरुआत की। फिल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें शम्मी कपूर के साथ ‘दिल देके देखो’ (1959) में नायिका के रूप में लिया। इस फिल्म की सफलता से उन्हें एक बड़ी अभिनेत्री का तमगा मिला।
आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की, लेकिन…
आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की थी, लेकिन उनके और निर्देशक नासिर हुसैन के अफेयर की खूब चर्चाएं हुईं। नासिर हुसैन आमिर खान के चाचा हैं। नासिर हुसैन से शादी नहीं हो पाने की बात पर आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो नहीं चाहती थीं कि नासिर हुसैन कभी भी अपने परिवार से अलग हों। इस वजह से उन्होंने शादी नहीं की। आशा पारेख की छवि एक ऐसी अभिनेत्री की है जिस तक पहुंचना या मिलना आसान काम नहीं है और शायद इसीलिए किसी ने कभी भी उनका हाथ नहीं मांगा।